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एसएसजे विवि के चम्पावत कैंपस में इसी सत्र से शुरू होगी योग विज्ञान की पढ़ाई, योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ.भट्ट ने किया ​कॉलेज का निरीक्षण

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चम्पावत। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने राजकीय महाविद्यालय में नए विषयों के सृजन की शुरुवात प्रारंम्भ कर दी है। योग विज्ञान विभाग के अंतर्गत विषय शुरू करने को लेकर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी के निर्देश पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने आज राजकीय महाविद्यालय चम्पावत पहुंच कर स्थलीय निरीक्षण किया व ढांचागत सुविधाओं की जानकारी ली।


मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय महाविद्यालय को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के परिसर का दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी। जिसके तत्काल बाद शासनादेश के जारी हो गया था। जिसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा जरूरी कार्यवाही करना प्रारम्भ कर दिया है। कुलपति प्रो. भंडारी ने इस दिशा में त्वरित कार्यवाही करते हुए चम्पावत को शिक्षा का हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने प्राचार्य व शिक्षकों से मुलाकात कर समस्याओं को जाना। उन्होंने कहा कि योग द्वारा व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक व आध्यत्मिक विकास होने के साथ ही जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन होने प्रारम्भ होने लग जाते हैं।उन्होंने बताया कि राजकीय महाविद्यालय में इसी सत्र योग के विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन हो सकेगा। जिससे अपने विकास के साथ ही रोजगार की राह भी प्रशस्त होगी।डॉ. नवीन भट्ट ने बताया कि आने वाले समय में राजकीय महाविद्यालय शिक्षा का हब बनेगा। जिसके लिए विश्वविद्यालय भरपूर प्रयास कर रहा है। अनेकों रोजगार परक विषय खुलने के साथ ही अनेकों विकास कार्य, ढांचागत अवस्थापना हो सकेगी।


उन्होंने कालेज की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए कहा कि गुरु गोरखनाथ की धरती व ग्वल देवता की धरती योग जैसे विषय के लिए पूर्ण रूप से अनुकूल है। यहां आध्यत्मिक, शांत व शुद्ध वातावरण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बाद इस दिशा में कुलपति प्रो. भंडारी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं और शीघ्र ही इसी सत्र से योग विषय की स्वीकृति प्रदान कर कक्षाएं प्रारम्भ कर दी जाएंगी। इस दौरान प्राचार्य प्रो प्रणीता नंद, पिथौरागढ़ परिसर के नोडल अधिकारी प्रो. हेम पांडे, डॉ. किरन पन्त, गोपाल सिंह मलड़ा, रोहित बोहरा, डॉ. शेखर सहित अन्य प्राध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।