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फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे शिक्षक को फिर से किया गया बर्खास्त …

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हेमराज सिंह ने वर्ष 1994 में फर्जी बीटीसी, अंकपत्र और प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की थी। प्रमाणपत्रों की जांच में बीटीसी अंकपत्र का अनुक्रमांक आवंटित नहीं हुआ है। इस क्रम में हेमराज को 2016 में साक्ष्य प्रस्तुत न करने पर सेवा बर्खास्त किया था।

रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के गदरपुर क्षेत्र के मिदनापुर स्थित प्राइमरी में तैनात सहायक अध्यापक हेमराज सिंह को फर्जी तरीके से सरकारी सेवा प्राप्त करने का दोषी पाया गया। डीईओ (प्रारंभिक शिक्षा) ने आरोपी शिक्षक को बर्खास्त किया है।

डीईओ (प्रारंभिक शिक्षा) हरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि हेमराज सिंह ने वर्ष 1994 में फर्जी बीटीसी, अंकपत्र और प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की थी। प्रमाणपत्रों की जांच में बीटीसी अंकपत्र का अनुक्रमांक आवंटित नहीं हुआ है। इस क्रम में हेमराज को 2016 में साक्ष्य प्रस्तुत न करने पर सेवा बर्खास्त किया था। हेमराज ने 2017 में उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी। 2019 में विशेष अपील की। न्यायालय ने बर्खास्तगी आदेश स्थगित कर दिया था। 2020 में हेमराज सिंह को आरोपपत्र प्रेषित कर जवाब मांगा, जिसका जवाब न प्रस्तुत करने पर सेवा बर्खास्तगी की गई। हेमराज सिंह ने लोक सेवा अधिकरण उत्तराखंड खंडपीठ नैनीताल में क्लेम पिटीशन दायर की। बर्खास्तगी आदेश पुनः स्थगित किया गया। 2023 में जांच अधिकारी और उप शिक्षा अधिकारी गदरपुर ने उक्त कार्मिक द्वारा कूटरचित तरीके से फर्जी बीटीसी, अंकपत्र और प्रमाण-पत्र बनवाने की पुष्टि की। न्यायालय के आदेश पर बीईओ रुद्रपुर ने जांच करा नोटिस उपलब्ध करा पक्ष रखने को कहा गया। फिर हेमराज को जुलाई 2024 में पुनः अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस उपलब्ध कराया गया तथा पुनः कोई जवाब प्राप्त न होने पर अगस्त 2024 में 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया। किसी भी प्रकार का जवाब न प्रस्तुत करने पर विभाग ने हेमराज सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।