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संतान होने की खुशखबरी के साथ ग्राम प्रधान को लगा ‘झटका’, जानें किस वजह से गई प्रधानी

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देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका ने तीन संतान मामले में ग्राम प्रधान प्रतीतनगर को पद से निलंबित कर दिया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया ग्राम प्रधान को दोषी पाया गया है। जांच के दौरान उनकी ओर से दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं थे। ग्राम प्रधान ने साल 2019 में हुए पंचायत चुनाव में झूठा शपथ पत्र निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया था।

बता दें कि उत्तराखंड पंचायती राज के नियम के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की तीन संतानें हैं, तो वह प्रधान के पद पर नहीं रह सकता है। इसी के तहत बबीता कमल कुमार निवासी प्रतीतनगर ने 11 अप्रैल 2023 को राज्य निर्वाचन आयोग, सचिव पंचायती राज और जिलाधिकारी को शिकायत की थी कि ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल की तीन संतानें हैं। साल 2019 में हुए पंचायत चुनाव में झूठा शपथ पत्र निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया था। साथ ही चुनाव के दौरान अनिल कुमार की दो संतानें थी, लेकिन उनकी ओर से प्रस्तुत किये गए शपथ पत्र में उन्होंने एक संतान का जिक्र किया था। प्रधान निर्वाचित होने के बाद 10 मार्च 2022 को अनिल कुमार की तीसरी संतान हुई। शिकायत के बाद पंचायत राज अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू की गई थी और जांच में सही पाए जाने पर ग्राम प्रधान को निलंबित कर दिया गया है।

जिलाधिकारी सोनिका ने बताया है कि ग्राम पंचायत प्रतीतनगर के प्रधान अनिल कुमार पिवाल की तीन संतान होने के मामले में जो जांच चल रही थी, वह पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया ग्राम प्रधान को दोषी पाया गया है। जांच के दौरान उनकी ओर से दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं थे। जिसके आधार पर ग्राम प्रधान को एक जुलाई को पद से निलंबित कर दिया गया है। एक जांच कमेटी गठित कर फाइनल जांच की जाएगी।