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कोलीढेक झील में निरंतर बढ़ रही पर्यटन गतिविधियां, आने वाले दिनों में मछलियां भी बनेंगी आकर्षण का केंद्र

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चम्पावत/लोहाघाट। सोमवार को लोहाघाट की कोलीढेक झील में मत्स्य विभाग की ओर से विभिन्न प्रजाति के एक लाख मत्स्य बीज डाले गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने कोलीढेक झील में मत्स्य बीज संचय करते हुए कहा कि इस झील से जिले में निरंतर पर्यटन गतिविधियां बढ़ रही हैं। मत्स्य बीज डालने से झील की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहने के साथ ही झील का पारिस्थितिकी तंत्र भी मजबूत रहेगा। उन्होंने कहा कि इस झील के निर्माण से जिले में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। कोलीढेक झील को स्वदेश दर्शन के अंतर्गत लिया गया है और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए और अधिक बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।

डीएम नवनीत पांडे ने कहा कि यह झील जनपद में आकर्षण का केंद्र है। हमारा यह भी प्रयास रहेगा की यहां आने वाले पर्यटक केवल बोटिंग तक ही सीमित न रहें, उन्हें यहां मनोरंजन के और भी साधन मिलें। ऐसा होने से यहां पर्यटकों की संख्या और अधिक बढ़ेगी। साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। डीएम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में पर्यटकों को हर प्रकार की बेहतर से बेहतर सुविधाएं यहां मिलें। जनपद मत्स्य प्रभारी केएस बगड़वाल ने बताया कि एक लाख मत्स्य बीजों में कॉमन कार्प, ग्रास कार्प एवं सिल्वर कार्प हैं। मत्स्य बीजों से लगभग 6 महीनों में मछली की पैदावार शुरू हो जाएगी। कार्यक्रम के दौरान खंड विकास अधिकारी लोहाघाट अशोक अधिकारी सहित सिंचाई विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।