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चम्पावत जिले में बनेंगे दो हेलीपोर्ट, पहला हेलीपोर्ट बनेगा डुंगरासेठी में

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चम्पावत। जिले का पहला हेलीपोर्ट डूंगरासेठी में बन सकता है। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया है कि इसके लिए जमीन को चिह्नित कर बुधवार को शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जिले में चम्पावत के अलावा दूसरा हेलीपोर्ट लोहाघाट ब्लॉक के एबटमाउंट में बनाया जाएगा।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया है कि शासन ने जिले में दो हेलीपोर्ट मंजूर किए हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने भूमि चिह्निकरण कर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। चम्पावत के डुंगरासेठी में एक हेक्टेयर जमीन को चयनित किया गया है। इसी तरह लोहाघाट ब्लॉक में एबटमाउंट में दूसरा हेलीपोर्ट बनेगा। हेलीपोर्ट एक छोटा हवाई अड्डा है, जो हेलीकॉप्टर और कुछ अन्य लिफ्ट विमानों के लिए उपयोग के लिए उपयुक्त है।

चम्पावत हेलीपैड की मरम्मत के लिए फिर से होगा सर्वे
चंपावत। चम्पावत में हेलीपोर्ट बनाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन पहले से निर्माणाधीन हेलीपैड को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। वर्ष 2016 से शुरू हेलीपैड की राह में बजट अड़चन बन गया है। उत्तराखंड इमरजेंसी एसिस्टेंस प्रोजेक्ट (यूईएपी) के तहत 0.20 हेक्टेयर जमीन पर सर्किट हाउस के पास बन रहे हेलीपैड को नवंबर 2018 में पूरा किया जाना था, लेकिन काम पूरा होना तो दूर साल 2019 से काम ठप है। करीब 99 लाख रुपये खर्च होने के बाद इसमें प्लेटफार्म का काम हो सका है लेकिन हेलीपैड में बहुउद्देश्यीय हॉल, सुरक्षा दीवार, घास, सजावट का काम होना बाकी है। अधूरे काम के बीच अब यहां तेजी से भूकटाव भी हो रहा है। फिलहाल चम्पावत में अति महत्वपूर्ण अतिथियों के आने पर गोरलचौड़ मैदान को वैकल्पिक हेलीपैड के रूप में उपयोग में लाया जाता है। हेलीपैड के अधूरे काम के लिए दो बार स्टीमेट बनाया गया लेकिन बजट नहीं मिला। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया है कि हेलीपैड की दीवार की सुरक्षा का काम आपदा मद से कराया जाएगा। लोनिवि के ईई एमसी पांडेय ने बताया कि अब विभाग ने हेलीपैड के सर्वे के लिए पांच लाख रुपये की मांग की है। सर्वे होने के बाद विस्तृत प्रगति रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर शासन को भेजी जाएगी।

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