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आपदा की भेंट चढ़ी उचौलीगोठ की कृषि योग्य भूमि व लीची के बाग

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टनकपुर। तीन दिनों तक हुई भीषण बारिश व उफान में आई शारदा नदी की चपेट में आने से क्षेत्र के ग्राम उचौलीगोठ में भी ग्रामीणों व काश्तकारों को खासा नुकसान हुआ है। बारिश और नदी के बहाव की चपेट में आकर काश्तकारों की लाखों रुपये की कृषि योग्य भूमि एवं लीची के बगीचे शारदा में समा गए हैं। उचौलीगोठ क्षेत्र के लोगों का आय का मुख्य स्रोत कृषि एव लीची व्यवसाय है। कृषि योग्य भूमि और लीची के बगीने से बहने से ग्रामीणों को खासा नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार ज़्यादा नुकसान का मुख्य कारण सरकार द्वारा बाढ़ अवरोधक सीसी ब्लॉक निर्माण न करना रहा। उनका कहना है कि यदि बाढ़ अवरोधक बने होते तो किसानों की कृषि योग्य भूमि एव लीची के बगीचे बहने से बच जाते। उनके रोजगार का एक मात्र विकल्प कृषि योग्य भूमि थी, जो आपदा में बह गई। आपदा की वजह से मनोज सिंह, दिनेश चौड़ाकोटी, खड़क सिंह, भवान सिंह, केदार सिंह, मोहन सिंह, माधव सिंह, गंगा सिंह, रघुवर सिंह, दान सिंह समेत तमाम काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है।