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UKSSSC पेपर लीक मामला, रद्द हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा, रिपोर्ट पर हुआ बड़ा फैसला

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पेपरलीक जांच आयोग ने आज सीएम धामी को सौंपी रिपोर्ट, रिपोर्ट के आधार पर रद्द की गई परीक्षा

देहरादून। UKSSSC ने स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द कर दी है। आयोग के अध्यक्ष जीएम मार्तोलिया ने कहा है कि जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद बोर्ड बैठक हुई। जिसमें परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। जल्द ही इसका आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। शनिवार को पेपरलीक मामले की जांच कर रहे आयोग ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसी रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा को निरस्त करने का फैसला लिया गया है।

दरअसल, 21 सितंबर को प्रदेश में स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई गई थी। जिसमें करीब 1,05,000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, लेकिन परीक्षा केंद्र के भीतर से पेपर के तीन पेज व्हाट्सएप के माध्यम से बाहर भेजे जाने का मामला सामने आने के बाद यह परीक्षा विवादों में आ गई। इस मामले में बेरोजगार संघ में कई दिनों तक प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की सीबीआई जांच करने की घोषणा की। इसके अलावा इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन भी किया गया।

हाल ही में इस आयोग ने तमाम जांच से जुड़े बिंदुओं पर मंथन किया। साथ ही देहरादून और हल्द्वानी समेत कई शहरों में जन संवाद कर अभ्यर्थियों और शिक्षकों से भी रैली थी। इस दौरान परीक्षा को निरस्त किए जाने की मांग अभ्यर्थियों ने की थी।
शनिवार को जांच आयोग ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने अल्प समय में अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों एवं संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी। उन्होंने बताया प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है। जिससे मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को छात्रों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए निरस्त कर दिया गया है। यह निर्णय जांच आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि राज्य में परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
पुनः आयोजित होने वाली यह परीक्षा अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं डालेगी। उत्तराखण्ड में हर छात्र के लिए निष्पक्ष अवसर और भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हमने नकल प्रकरण की जाँच के लिए CBI की संस्तुति कर दी है, हमारी सरकार छात्रों के भविष्य और अभिभावकों के विश्वास के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देगी।