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चम्पावत में उरेडा ने किया कार्यशाला का आयोजन, लोगों से की सोलर वॉटर हीटर व सोलर पॉवर प्लांट लगाने की अपील, पीएम सूर्यघर योजना की दी जानकारी

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चम्पावत। उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) की ओर से सोलर पॉलिसी एवं विभिन्न योजनाओं के प्रचार–प्रसार के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया। जिसका शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय ने किया। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रचार–प्रसार के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गयी। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजनांतर्गत सोलर पावर प्लांट लगाने को लेकर अपील की।

कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि सोलर पॉवर प्लांट व सोलर वाटर हीटर का उपयोग हर तरह से किफायती है। इससे हर माह का बिल आने का झंझट भी नहीं रहता है। इससे पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होता है और न कोई ईंधन खर्च होता है। इसलिए सभी अपने घरों में सोलर प्लांट लगाएं। एक दिवसीय कार्यशाला में जिले भर से आये सभी उरेडा के उद्यमियों आदि को प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला में जानकारी देते हुए परियोजना अधिकारी उरेडा धीरेन्द्र पटवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के असीमित संसाधन विद्यमान हैं और उत्तराखण्ड राज्य अपारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के क्षेत्र में देश का एक अग्रणी राज्य भी है। राज्य में अपारम्परिक ऊर्जा स्रोतों पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन एवं क्रियान्वयन उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) द्वारा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोगार योजना के तहत प्रदेश के बेरोजगार युवाओं द्वारा रोजगार हेतु 20, 25, 50, 100, 200 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं। योजना के अन्तर्गत स्वीकृति पर यू.पी.सी.एल. से 25 वर्षीय विद्युत क्रय करार किया जायेगा तथा उत्पादित विद्युत का मूल्य यू.पी.सी.एल. द्वारा विकासकर्ता को दिया जायेगा। इस योजना में MSME नीति के अर्न्तगत लाभ भी अनुमन्य है तथा msy.gov.in के माध्यम से ऑन लाईन आवेदन किया जा सकता है।

रूफॅटॉप सोलर पावर प्लान्ट (पी.एम. सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना) की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में यू०पी०सी०एल० के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का संचालन भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 01-10 किलोवाट तक के सोलर पावर प्लान्ट स्थापित किए जा सकते हैं, जिस हेतु केन्द्र सरकार द्वारा रू. 30,000/- प्रति किलोवाट, अधिकतम 85,800/ का अनुदान देय है। केन्द्रीय अनुदान के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा भी अनुदान प्रदान किया जा रहा है, जिसमें 1 कि.वा. से 3 कि.वा. तक की श्रेणी वाले संयत्रों हेतु 17000.00 प्रति कि.वा. की दर से एवं 03 कि.वा. से 10 कि.वा. तक की क्षमता के संयत्रों हेतु 51,000 नियत लाभ अनुदान के रूप में अनुमन्य किया जा रहा है तथा प्लान्ट से बिजली बिल में वृहद स्तर पर कमी आयेगी। जानकारी देते हुए कहा कि योजना के लाभ हेतु pmsuryaghar.gov.in के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि उरेडा द्वारा सोलर वाटर हीटर कार्यक्रम, ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बायोगैस कार्यक्रम, उत्तराखण्ड राज्य सौर नीति 2023, सोलर स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम, जल विद्युत नीति 2015 आदि अन्य योजनाएं राज्य में संचालित हैं, जिनका लाभ सभी को लेना चाहिए। कार्यशाला में विभिन्न जिला पंचायत सदस्य, जिले के जनप्रतिनिधि, जिला विकास अधिकारी दिनेश दिगारी, उरेडा के उद्यमी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।