उत्तराखण्डजनपद चम्पावतधर्म

उत्तराखंड # यहां बाबा ने शुरू किया आमरण अनशन, जानें वजह

ख़बर शेयर करें -
अनशन पर बैठे बाबा ऋषेश्वरानंद

चम्पावत। लोहाघाट के ऋषेश्वर मंदिर गीता भवन के मठाधीश स्वामी मोहनानंद तीर्थ के शिष्य ऋषेश्वरानंद ने मंदिर परिसर स्थित उनके गुरु के आश्रम पर कब्जे के प्रयास का आरोप लगा आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने न्याय मिलने तक अनशन जारी रखने का निर्णय लिया है। स्वामी मोहनानंद ने कहा है कि गीता भवन आश्रम में करीब 45 वर्षों तक स्वामी हीरानंद रहे। उन्होंने वर्ष 2009 में चादरपोशी कर लिखित रूप से प्रस्ताव पारित कर गीता भवन का दायित्व उन्हें सौंपा था। तब से वह करीब 12 वर्षों से लगातार यहीं रह रहे हैं। आश्रम की सभी चल-अचल संपत्ति पर संतों का अधिकार रहा है, लेकिन समिति की ओर से आश्रम की चल-अचल संपत्ति पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत कुछ लोगों ने उनके आश्रम का बिजली का कनेक्शन हटा दिया है। हाइवे पर चेन डालकर उनके वाहन को मंदिर परिसर में आने से रोका गया है। बताया कि प्रबंधन समिति ने मंदिर के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव रखा था। इसी दौरान निर्माण कार्य में सहयोग के लिए गठित समिति में शामिल लोग मंदिर पर कब्जेे का प्रयास कर रहे हैं। स्वामी मोहनानंद के समर्थन में उनके शिष्य ऋषेश्वरानंद ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा
ऋषेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह मेहता का कहना है यह आश्रम 12 गांवों में रहने वाले स्थानीय लोगों का है। बाबा की ओर से लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। मेहता का कहना है कि मंदिर परिसर धरना, प्रदर्शन का केंद्र नहीं है। मंदिर परिसर में धरना देने से श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। धरना मंदिर में नहीं, किसी प्रशासनिक कार्यालय में दें। मंदिर में धरने आदि कृत्यों से उत्पन्न विवाद की स्थिति चिंताजनक है।

Ad