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उत्तराखंड : पशुओं का उपचार घर पर ही कराना हो तो लगाएं 1962 नंबर, सीएम ने 60 वैनों को दिखाई हरी झंडी

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उत्तराखंड में अब पशुपालकों को घर पर ही पशु चिकित्सा की सुविधा मिलेगी। प्रदेश में पहली बार मोबाइल चिकित्सा वैन योजना शुरू कर दी गई है। यह सेवा 1962 डायल करने पर उपलब्ध होगी। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 60 मोबाइल चिकित्सा वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिले में गोट वैली योजना भी शुरू की गई।

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सर्वे स्टेडियम हाथीबड़कला में पशुपालन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मोबाइल पशु चिकित्सा वैन, गोट वैली योजना, नाबार्ड से वित्त पोषित रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट फंड योजना के तहत पशुलोक ऋषिकेश में हीफर रियरिंग फार्म का लोकार्पण भी किया। इसके अलावा उत्तराखंड पशु चिकित्सा परिषद परिसर में नवीन प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम योजना के तहत एकत्रीकरण सह प्रजनन फार्म का लोकार्पण, राष्ट्रीय गोकुल मिशन में नवीन अतिहिमीकृत वीर्य प्रयोगशाला का शिलान्यास किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काऊ, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, केंद्र सरकार के सचिव पशुपालन राजेश कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पशुपालन बीवीआरसी पुरूषोत्तम, निदेशक पशुपालन डॉ.प्रेम कुमार आदि मौजूद थे।

पशु चिकित्सकों को एनपीए देने की घोषणा
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सकों को एनपीए (नॉन प्रैक्ट्सि एलाउंस) देने की घोषणा की। कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा वैन से दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों पर पशु चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन को चम्पावत और ऊधमसिंहनगर जिलों में भी प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहली बार डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक डेयरी पशु को एक विशिष्ट टैग लगाया जा रहा है।

35 और मोबाइल पशु चिकित्सा वैन मिलेंगी
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री पशुपालन व डेरी विकास डॉ.संजीव कुमार बालियान ने प्रदेश के 35 और मोबाइल पशु चिकित्सा वैन उपलब्ध कराने का एलान किया। वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि लंपी रोग से बचाव के लिए प्रदेश में लगभग 6 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

हर वर्ष मिलेंगी उच्च नसल की 270 गाय
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि 10.73 करोड़ की लागत से हीफर रियरिंग फार्म से पशुपालकों को प्रत्येक वर्ष उच्च नसल की 270 गाय उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुपालन व्यवसाय स्वरोजगार का बड़ा जरिया बन सकता है। इसके लिए सरकार ने नई योजनाएं शुरू की हैं।

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