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उत्तराखंड : प्रदेश के सभी शहरों से पुराने विक्रम और सिटी बसें हटेंगी, जानें कैबिनेट के अन्य फैसले

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शहरों में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले पुराने विक्रम और सिटी बसें हटाईं जाएंगी। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति-2024 को मंजूरी दे दी। इस नीति के तहत पुराने वाहन को स्क्रैब करने और नए सीएनजी वाहन खरीदने पर सरकार 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। इसके अलावा वन पंचायतों में रह रहे 25 लाख लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए अधिकार दिए गए।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें आठ प्रस्तावों पर फैसला लिया गया। सचिव शैलेष बगौली ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि शहरों में डीजल से संचालित पुराने वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024 को मंजूरी दी गई। इसके तहत देहरादून शहर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। जिसमें पुराने सिटी बस व विक्रम को स्क्रैब नहींं कराने वालों को पर्यावरण फ्रेंडली इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहन (25 से 32 सीटर) खरीदने के लिए कुल लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 12 लाख तक सब्सिडी दी जाएगी। जबकि वाहन स्क्रैब का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर नए वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।

जानें अन्य फैसले
— उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा नियमावली को मंजूरी।
— कार्मिक विभाग के अंतर्गत ज्येष्ठता नियमावली में संशोधन को मंजूरी। एक चयन के स्थान पर एक चयन वर्ष को मंजूरी।
— वन पंचायत संशोधन नियमावली को मंजूरी। इको टूरिज्म आदि को दिया जाएगा बढ़ावा।
— शहरी विकास विभाग के अंतर्गत हरिद्वार में यूनिटी मॉल के निर्माण को 0.9 हेक्टेयर भूमि हरिद्वार विकास प्राधिकरण को होगी हस्तांतरित।
— न्याय विभाग के अंतर्गत बागेश्वर, चम्पावत, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में कुटुंब न्यायालयों में 18 पदों को मंजूरी।
— न्याय विभाग के अंतर्गत देहरादून, हरिद्वार व रुड़की में पारिवारिक न्यायालयों की स्थापना होगी। इसके लिए नौ पदों को मंजूरी।
— आदि कैलाश पैदल यात्रा को प्रोत्साहित किए जाने व इस क्षेत्र में होम स्टे को बढ़ावा दिए जाने का निर्णय लिया गया।