उत्तराखण्डनवीनतम

उत्तराखंड के 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को लगा करंट, 6.5 प्रतिशत रचार्ज की पड़ी मार

Ad
ख़बर शेयर करें -

प्रदेश में बिजली की कीमतें आसमान छूंने जा रही हैं। एकाएक उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड बिजली की कीमतों को बढ़ाने जा रहा है। इसके पीछे यूपीसीएल का तर्क बिजली के खुले बाजार में दाम बढ़ना बताया जा रहा है। फिलहाल, यूपीसीएल की सिफारिश पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से 6.5% सरचार्ज बढ़ाने का फैसला ले लिया गया है।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के सदस्यों के इस फैसले से 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ने जा रही है। उधर, विपक्षी दल बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी के ऐसे फैसलों को प्रबंधन की रणनीतिक कमी से जोड़ रहे हैं। खास बात यह है कि इसी वित्त वर्ष की शुरुआत में बिजली के दाम बढ़ाए जा चुके हैं। ऐसे में अब सरचार्ज के नाम पर लोगों की जेब ढीली करने का यह फैसला किसी को भी रास नहीं आ रहा है।

Ad

आयोग ने साढ़े तीन प्रतिशत वृद्धि का किया अनुमोदन
उत्तराखंड में विद्युत मांग भी रिकार्ड स्तर पर रही। जिसके चलते ऊर्जा निगम को प्रत्येक माह करीब 120 करोड़ रुपये की बिजली खरीद करनी पड़ी। इस वित्तीय वर्ष में ऊर्जा निगम ने करीब 1000 करोड़ की अतिरिक्त बिजली खरीद का आंकलन किया है। इसकी भरपाई के लिए निगम की ओर से सरचार्ज में साढ़े 12 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा गया था। जिस पर आयोग ने साढ़े तीन प्रतिशत वृद्धि का अनुमोदन किया है।

सरचार्ज में इस प्रकार की गई है वृद्धि

घरेलू उपभोक्ता
100 यूनिट तक, पांच पैसे प्रति किलोवाट आवर
101-200 यूनिट, 20 पैसे प्रति किलोवाट आवर
201-400 यूनिट, 30 पैसे प्रति किलोवाट आवर
400 यूनिट से अधिक, 45 पैसे प्रति किलोवाट आवर

अघरेलू उपभोक्ता
25 किलोवाट तक, 62 पैसे प्रति किलोवाट आवर
सरकारी संस्थान, 79 पैसे प्रति किलोवाट आवर
एलटी इंडस्ट्री, 62 पैसे प्रति किलोवाट आवर
एचटी इंडस्ट्री, 62 पैसे प्रति किलोवाट आवर
मिश्रित लोड, 73 पैसे प्रति किलोवाट आवर

करीब साढ़े तीन सौ करोड़ का मिलेगा अतिरिक्त राजस्व
अनिल कुमार (प्रबंध निदेशक, ऊर्जा निगम) ने कहा कि महज एक साल के लिए साढ़े 12 प्रतिशत सरचार्ज बढ़ाए जाने की की मांग की गई थी। एक साल तक सरचार्ज बढ़ाकर निगम को 1355 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान था, लेकिन आयोग की ओर से साढ़े तीन प्रतिशत वृद्धि का अनुमोदन दिया गया है। जिससे निगम को करीब साढ़े तीन सौ करोड़ का ही अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। जबकि, सर्दियों में भी महंगी बिजली खरीद की आवश्यकता पड़ सकती है।

निम्न आय वर्ग पर कम भार डाला
एमके जैन (सदस्य, नियामक आयोग) ने बताया कि उपभोक्ताओं के हित और ऊर्जा निगम की दलीलों को देखते हुए सरचार्ज में प्रस्तावित 12.5 प्रतिशत की बजाय 3.5 प्रतिशत वृद्धि की अनुमति दी गई है। निम्न आय वर्ग पर इसका बेहद कम भार डाला गया है।

Ad