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उत्तराखंड की बेटी प्रीतिका ने बढ़ाया मान, मिला प्रतिष्ठित मेरा भारत राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार

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उत्तराखंड के चमोली जिले की प्रीतिका रावत को महिला सशक्तीकरण, सामुदायिक स्वास्थ्य, स्वच्छता अभियान, बाल शिक्षा, युवा सहभागिता और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रतिष्ठित मेरा भारत-राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार (स्वयंसेवक श्रेणी) से सम्मानित किया गया है।

यह सम्मान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित विशेष समारोह में प्रदान किया। पुरस्कार राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्र में देशभर के श्रेष्ठ योगदान कर्ताओं को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। हाल दिल्ली निवासी प्रीतिका रावत नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी), नई दिल्ली की एनएसएस इकाई से जुड़ी हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली पहल की है। उनके प्रयासों से कई समुदायों में ठोस बदलाव आया। उन्होंने एनएसएस के मूल मंत्र ‘स्वयं से पहले आप’ को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में उनके नेतृत्व और समर्पण को सराहा गया। सम्मान मिलने पर प्रीतिका ने कहा, एनएसएस पुरस्कार पाना उनके लिए अविस्मरणीय क्षण है। यह केवल उनका नहीं बल्कि हर उस स्वयंसेवक का सम्मान है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए निःस्वार्थ भाव से काम करते हैं।

उन्होंने कहा, वह आशा करती हैं कि यह और युवाओं को सेवा और समर्पण के मार्ग पर प्रेरित करे। उन्होंने बताया की वे विश्वविद्यालय के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रवीण सरोहा के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करती हैं, जिनके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई। यह उपलब्धि उनके गृह राज्य उत्तराखंड और विश्वविद्यालय दोनों के लिए गर्व का क्षण है। उनके पिता बख्तावर सिंह रावत और माता बूदी रावत ने बताया कि उनकी बेटी की उत्कृष्ट उपलब्धि से अत्यंत गर्वित हैं। वह उसके सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं। कहा, प्रीतिका की यह उपलब्धि देशभर के युवाओं को सामुदायिक सेवा और सामाजिक उत्थान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करेगी।