उत्तराखण्डनवीनतम

VDO Recruitment Scam: एक और आरोपी गिरफ्तार, 2016 में हुई भर्ती को लेकर खुलासा, यूएस नगर के 45 युवा हुए थे पास

ख़बर शेयर करें -

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीओ) भर्ती 2016 में हुई गड़बड़ी में शनिवार को एक और गिरफ्तारी हुई है। उसने कई अभ्यर्थियों से पास कराने के नाम पर पैसे लिए थे। वह आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के मालिक का दोस्त बताया जा रहा है। अब इस मामले में भी कंपनी के मालिकों और डायरेक्टरों के नाम आने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि वर्ष 2016 में हुई इस भर्ती में गड़बड़ी की पोल कुछ दिनों बाद ही खुल गई थी। विभागीय जांच हुई और फिर वर्ष 2019 में मामला विजिलेंस के पास चला गया। इस प्रकरण में विजिलेंस ने जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज किया, लेकिन अब तक किसी को नामजद नहीं किया गया था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस मुकदमे की जांच को भी एसटीएफ को सौंप दिया गया था। एसटीएफ ने इस मामले में शुक्रवार को धूमाकोट के एक सरकारी शिक्षक को गिरफ्तार किया था। इस शिक्षक ने ऊधमसिंह नगर के कई अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए पैसे लिए थे।

ओएमआर शीट में अपने मन से गोलों को किया गया था काला
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि शिक्षक से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने मुकेश चौहान निवासी सदन कविनगर, काशीपुर, जिला ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार किया है। चौहान पर आरोप है कि उसने इसी गांव के कई लोगों को पास कराया। इसके लिए ओएमआर शीट में अपने मन से गोलों को काला किया गया था। इसकी पुष्टि फोरेंसिक जांच में भी हो चुकी है। मुकेश चौहान मूल रूप से मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा स्थित सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है। आरएमएस कंपनी का मालिक राजेश चौहान भी इसी क्षेत्र का निवासी है। दोनों पुराने दोस्त बताए जा रहे हैं।

इस परीक्षा में भी फंस सकती है आरएमएस
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के केंद्र में आई आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इस परीक्षा की जांच में भी फंस सकती है। बताया जा रहा है कि इस परीक्षा को भी इसी कंपनी ने आयोजित कराया था। प्रश्नपत्र भी इसी की प्रिंटिंग प्रेस में छापे गए थे। यही नहीं, इसके कुछ कर्मचारियों के माध्यम से ही ओएमआर शीट में छेड़छाड़ का खेल खेला गया था।

एक ही गांव के 45 युवा हुए थे पास
इस परीक्षा को दो बार कराया गया। पहली बार में जब गड़बड़ी का खुलासा हुआ तो दोबारा कराया गया। इस बार रिजल्ट आया तो पता चला कि जो युवा पहली बार हुई परीक्षा में अव्वल थे, वे दोबारा हुई परीक्षा में फिसड्डी साबित हुए। ये सब ऊधमसिंह नगर जिले के एक ही गांव के रहने वाले थे। ऐसे में माना जा रहा है कि इस परीक्षा में खेल करने वाले भी कुमाऊं के इसी क्षेत्र के निवासी हैं।