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उत्तराखंड में मौसम की मार : भूस्खलन से हाईवे का बड़ा हिस्सा हुआ ध्वस्त, एक वाहन दबे होने की आशंका, भंडारे में जा रहे दो चचेरे भाई नदी के तेज बहाव में बहे

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उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग में गुप्तकाशी तरसाली में पहाड़ी से भारी भूस्खलन से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे का 60 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। यहां मलबे में एक वाहन के दबे होने की सूचना भी है। हाईवे ध्वस्त होने से केदारनाथ यात्रा मार्ग बंद हो गया है जो शुक्रवार तक भी खुलना मुश्किल है। वहीं, हाईवे बंद होने पर दोनों तरफ वाहनों को रोक दिया गया है और जहां लंबी लाइन लग गई है। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर यात्रियों को रोकते हुए सुरक्षित जगहों पर रुकने की सलाह दी है।

बृहस्पतिवार को शाम 5.30 बजे तरसाली में पहाड़ी से बोल्डरों के साथ भारी मलबा गिरने से हाईवे का 60 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। इस कारण एक बार फिर फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड का गुप्तकाशी से संपर्क कट गया है। ऐसे में केदारनाथ यात्रा फिर से प्रभावित हो गई है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार, हाईवे खोलने में लंबा समय लग सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस उपाधीक्षक विमल सिंह रावत ने बताया कि रुद्रप्रयाग से काकड़ागाड़ तक स्थानीय लोगों और यात्रियों को हाईवे बंद होने की जानकारी दी जा रही है।

साथ ही यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रात्रि प्रवास के लिए कहा जा रहा है। प्रभावित हिस्से में एक वाहन के दबे होने की बात कही जा रही है लेकिन मलबा साफ होने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। बता दें कि दो दिन पूर्व राजमार्ग देवीधार में भी 40 मीटर ध्वस्त हो गया था। एनएच की ओर से लगभग 40 घंटे बाद यहां पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू की गई।

भंडारे में जा रहे दो चचेरे भाई नदी के तेज बहाव में बहे, एक को बचाया, दूसरे का शव बरामद

नैनीताल के कालाढूंगी में भंडारे में जा रहे दो चचेरे भाई नदी के तेज बहाव में बह गए। एक भाई को तो जंगल में गश्त कर रहे बीट वाचरों ने बचा लिया, लेकिन दूसरा भाई बह गया। घटना की सूचना पर तहसीलदार प्रियंका रानी के नेतृत्व में पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद किशोर का शव घटना स्थल से करीब 800 मीटर दूर नदी में पड़े पेड़ से फंसा मिला। पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है।

जानकारी के अनुसार, गुरुवार को नयागांव के जंगल में स्थित प्राचीन मोटेश्वर महादेव मंदिर में भंडारा चल रहा था। जंगल में बौर नदी पार रह रही ग्रामीण आबादी भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने के लिए नदी पार कर मंदिर में पहुंच रही थी। आज कल बरसात की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसी बीच दोपहर करीब तीन बजे चचेरे भाई नितिन तिवारी (15) पुत्र राजू तिवारी निवासी पूरनपुर चकलुवा और पंकज तिवारी (16) पुत्र मोहन चंद्र तिवारी भी नदी पार कर मंदिर जाने लगे। जैसे ही दोनों भाई नदी के बीच पहुंचे तो तेज बहाव में बहने लगे। खुद को बहता देख दोनों भाई बचाओ बचाओ करके चिल्लाने लगे। तभी जंगल में गश्त कर रहे बरहैनी रेंज के बीट वाचर नरेश सैनी और हरिओम को किशोरों के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो वह नदी की तरफ भागे। दोनों वचारों ने नदी में कूदकर उन्हें बचाने का प्रयास किया। नदी के तेज बहाव में उन्होंने पंकज को तो पकड़ लिया, लेकिन नितिन बह गया। इस बीच वहां से गुजर रहे ग्रामीणों को जैसे ही इसकी सूचना लगी तो वहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने प्रशासन को घटना की सूचना दी। ग्रामीणों की मदद से पुलिस टीम ने खोजबीन शुरू की तो करीब ढाई घंटे के बाद ग्रामीणों को नीरज का शव नदी में पड़े पेड़ से मिला।