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चम्पावत जिले में 40 क्रिटिकल जल स्रोतों के संरक्षण को होगा काम

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चम्पावत। जनपद में 40 क्रिटिकल जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर कार्य किया जाएगा। जलागम विभाग जल स्रोत और नदी संवर्धन अधिकार के तहत नदियों, जल स्रोतों के संरक्षण की कवायद होगी। शनिवार को जिले में जलागम प्रबंधन अंतर्गत (सारा) के अंतर्गत जल स्रोतों, नदियों के संवर्धन, पुर्नजनन, संरक्षित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के संबंध में डीएम नवनीत पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई।

बैठक में संयुक्त निदेशक जलागम विभाग देहरादून और नोडल अधिकारी मीनाक्षी जोशी ने सारा योजना के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे जल स्रोत जिनमें पानी की मात्रा कम हो रही है या सूखने की स्थिति में हैं, उनके संवर्धन, पुनर्जीवन के लिए प्रस्ताव तैयार करते हुए उन्हें प्रारूप में भरकर ऑनलाइन करना है। इसी प्रकार नदियों और सहायक नदियों के लिए प्रस्ताव तैयार करने हैं। इस दौरान डीएम ने बताया कि वर्तमान तक सारा के तहत जिले 40 क्रिटिकल जल स्रोतों के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसमें 11 वन विभाग, एक नगर क्षेत्र लोहाघाट में पालिका, 28 ग्राम्य विकास विभाग कार्य योजना तैयार कर रहा है। बताया कि जिले में गंडक, लोहावती, लधिया और पनार नदियों की 20 सहायक नदियों को चिह्नित कर पुनर्जनन कार्य किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
डीएम ने चिन्हित जल स्रोतों, नदियों के पुनर्जनन के सफल कार्य के लिए जलागम विभाग वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग की अपील की है। यहां योजना के जिला नोडल ईई एमआई, प्रशांत कुमार जिला विकास अधिकारी दिनेश दिगारी, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल भंडारी, एसडीओ फॉरेस्ट नेहा चौधरी आदि मौजूद रहीं।

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