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आप का ऐलान # गंगोत्री से मुख्यमंत्री तीरथ चुनाव लड़ेंगे तो सामने होंगे कर्नल कोठियाल

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देहरादून। प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो चुकी हैं। सभी पार्टियां तैयारियों पर जुटी हुई हैं। जोड़ तोड़ की राजनीति भी शुरू हो चुकी है। इसी बीच उप चुनाव को बिगुल भी बजने वाला है। क्योंकि उत्तराखंड में 10 सितंबर से पहले मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना है। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भी 2022 में यूपी, पंजाब के साथ उत्तराखंड में भी चुनावी रणनीति बनानी शूरू कर दी है। आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने उपचुनाव को लेकर आज एक बड़ा ऐलान कर दिया है। आप ने उपचुनाव में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सामने कर्नल अजय कोठियाल को अपना प्रत्याशी बना दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी यहां से उपचुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि भाजपा ने इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है। उप चुनाव का ऐलान करते हुए आप ने भाजपा और उत्तराखंड मुख्यमंत्री पर निशाना भी साधा है। कहा है कि उप चुनाव उत्तराखंड की सियासी तस्वीर बदल देगा। उत्तराखंड सरकार पर कुशासन का आरोप लगाते हुए आप ने कहा कि इस उपचुनाव के बाद राज्य में कुशासन का अंत हो जाएगा। साथ ही कहा कि गंगोत्री उपचुनाव के साथ ही तीरथ की विदाई भी होगी और उत्तराखंड के नवनिर्माण की शुरुआत भी। औपचारिक ऐलान करते हुए आप ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के छह महीने बाद भी तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़ने से करा रहे हैं।


वहीं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत किस सीट से चुनाव लड़ेंगे इस पर अभी भाजपा ने स्थिति साफ नहीं की है, लेकिन सितंबर तक मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ना जरूरी है। ऐसे में पहले से ही भाजपा के विधायक रहे गोपाल सिंह के निधन के बाद खाली हुई गंगोत्री सीट पर आम आदमी पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए चुनौती दे दी है। बता दें कि बुधवार को ही दिल्ली पहुंचे रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है, लेकिन इस बारे में अभी बातचीत को लेकर खुलासा नहीं हुआ है। इतना ही कहा जा रहा है कि उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन अभी कोई आधिकारिक खुलासा नहीं किया गया है। बता दें कि इस साल मार्च में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत के सामने 10 सितंबर तक विधायक के तौर पर चुने जाने की बाध्यता है। जानकारी के लिए बता दें कि पौड़ी से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत ने इस साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था। नियम के अनुसार, 10 सितंबर तक उन्हें विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है।

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