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महिला प्रधान को जूते की माला पहनाने का मामला, उत्तराखंड अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ी जाति त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के जांच दल ने महिला प्रधान से वार्ता की

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टनकपुर/बनबसा। जनपद चम्पावत अंतर्गत बनबसा से लगे ग्राम गुदमी की ग्राम प्रधान विनीता राणा को कुछ लोगों द्वारा जूते की माला पहनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर बुधवार को उत्तराखंड अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के जांच दल ने ग्राम पंचायत गुदमी की पीड़ित ग्राम प्रधान विनीता राणा से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। पीड़ित ग्राम प्रधान ने बीते 10 जुलाई को हुई घटना की आपबीती सुनाई।
ग्राम प्रधान द्वारा बताई जानकारी को जांच दल ने दर्ज किया। इस दौरान पीड़िता ने आज तक पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि घटना के दिन जो कुछ घटित हुआ था। उसकी निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है। पुलिस ने मुकदमे में घटना की वास्तविक धारा नहीं लगाई है। जांच दल में उत्तराखंड अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक और पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, ग्राम प्रधान संगठन खटीमा के अध्यक्ष संजीव सिंह राणा, बनकटिया के ग्राम प्रधान नितिन राणा, जादौपुर के ग्राम प्रधान राजीव राणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश राणा, चरण सिंह राणा आदि शामिल रहे।

जांच दल ने पीड़िता को न्याय न दिलाने का लगाया आरोप
टनकपुर तहसील परिसर में पत्रकार वार्ता के दौरान जांच दल के एक सदस्य पंचायत संगठन के संयोजक तथा पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि इस घटना में अभी तक बलवा, 500 आईपीसी तथा आपदा कानून के अंतर्गत मुकदमे में धाराएं नहीं जोड़ी गई हैं। अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह आरोपियों को बचाने का कार्य कर रहे हैं। उनका संरक्षण आरोपियों के पक्ष में होने के कारण इस आदिवासी महिला को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिस प्रशासन ने घटना का वीडियो बनाने के लिए उपयोग में लिए गए मोबाइल को जब्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के आदेशों की अवलेहना के साथ-साथ पुलिस प्रशासन ने सहयोग न करके निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस तथा प्रशासन के सभी दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग भी रखी जाएगी। अपनी रिपोर्ट को उत्तराखंड के राज्यपाल, मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट जमा करने के साथ चेतावनी दी जाएगी कि पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और जांच दल द्वारा दिए सुझाव पर अमल नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

जांच अधिकारी सीओ राणा ने आरोपी को किया खारिज
बनबसा के गुदमी की ग्राम प्रधान के मामले में जांच कर रहे जांच अधिकारी सीओ शिवराज सिंह राणा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि पुलिस द्वारा ईमानदारी से मामले में कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पांच महिलाओं और पांच पुरुषों को नोटिस तामील किया गया है। उन्होंने कहा कि नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत अब कोर्ट के माध्यम से ही इस मामले का फैसला सुनिश्चित होगा।

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