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चम्पावत : दो सप्ताह से बंद पड़ी है स्वाला-बड़ौली रोड, ग्रामीणों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना

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सड़क बंद की वजह से सिर पर राशन ढोकर ले जाती महिलाएं।

चम्पावत। स्वाला-बड़ौली रोड करीब दो सप्ताह से बंद पड़ी है। इस वजह से ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया है कि सड़क बंद होने से उन्हें लंबी दूरी तय कर घर का जरूरी सामान सिर पर ढोकर लाने को विवश होना पड़ रहा है। सड़क बंद होने का मुख्य कारण एनएच का मलवा बताया जा रहा है।

एनएच के किनारे स्वाला से बड़ौली तक की छह किमी लंबी सड़क 22 जुलाई से बंद है। इस कारण यहां लोगों की आवाजाही मुश्किल हो रही है। लोग अनाज से लेकर अन्य जरूरी सामान पैदल रास्ते से ढोकर लाने के लिए मजबूर हैं। इसमें जोखिम के अलावा समय और मेहनत भी अधिक लग रही है। बुजुर्गों के अलावा बीमार लोगों को लाने-ले जाने में भी दिक्कत हो रही है। जानकारी के अनुसार इस सड़क के ऊपरी हिस्से पर एनएच से आने वाले मलबे से नीचे खेत बर्बाद होने के साथ कुछ मकानों को भी खतरा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडेय का कहना है कि यह सड़क तीन जगह बुरी तरह टूटी है। कार्यदाई एजेंसी से इसे जल्द से जल्द खोलने को कहा गया है।
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग सड़क खोलने में कतई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। गांव में कुछ वाहन दो सप्ताह से फंसे हुए हैं। इस वजह से जीप टैक्सी वालों का रोजगार ठप हो गया है। सड़क बंद होने से गांव के लोगों का जरूरी काम के लिए सड़क तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि मशीनें लगाकर सड़क खोलने का कार्य तेजी से किया जाना चाहिए।

एनएच खंड के ईई सुनील कुमार का कहना है कि टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के पास पहाड़ी से आने वाले मलबे को हटाना एनएच पर आवाजाही सुचारू करने के लिए जरूरी है। स्वाला-बड़ौली सड़क की कार्यदाई एजेंसी अन्य स्थानों पर आए मलबे को हटाएगी तभी विभाग की मशीन वहां पहुंच सकेगी। वहीं एनपीसीसी चम्पावत के अभियंता अभिषेक यादव का कहना है कि स्वाला-बड़ौली सड़क टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के मलबे से बंद है। जब तक एनएच पर स्वांला से मलबा गिरना बंद नहीं होगा सड़क खोलने में मुश्किल पैदा होगी।

चम्पावत जिले की बंद सात सड़कें
पुनाबे-सिप्टी-न्याड़ी, स्याला-पोथ, सिप्टी-अमकड़िया, बगौटी-डुंगरालेटी, अमोड़ी-छतकोट, स्वाला-बड़ौली और कजीना-कलौनी सड़क।