जनपद चम्पावतनवीनतम

चम्पावत : गुमदेश के बड़े क्षेत्र में तैनात नहीं है पशुधन प्रसार अधिकारी, पशुओं की दवा के लिए ग्रामीणों को तय करनी पड़ रही 40 किमी की दूरी

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https://champawatkhabar.comkumaon-gets-30-livestock-extension-officers-164-animal-service-centers-still-vacant/

लोहाघाट। गुमदेश क्षेत्र की 40 ग्राम पंचायतों के बीच कोई पशुधन प्रसार अधिकारी ना होने के कारण पशुपालकों को अपने पशुओं के उपचार के लिये 30 से 40 किमी दूर लोहाघाट के पशु चिकित्सालय की सेवायें लेनी पड़ रही हैं। हालांकि पशुपालन विभाग द्वारा पुल्ला, मडलक, रौसाल में पशु सेवा केंद्र तो खोले गये हैं, लेकिन वहां पशुधन प्रसार अधिकारियों को तैनात ना किये जाने के कारण केंद्रों में ताले लटके हुए हैं। क्षेत्रीय लोगों की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन पशुपालन है। यहां पशुपालन विभाग की ओर से पशुओं के प्राथमिक उपचार एवं पशुपालकों की समस्याओं की ओर पीठ की हुई है। गुजरे वर्ष लम्पी वायरस के कारण क्षेत्र में पशुधन की भारी हानि हुई है। पशुपालकों को अब तक उन्हें हुए नुक़सान की भरपाई भी नहीं कि गयी है। जिसको लेकर लोगों में पहले से ही विभाग के प्रति रोष बना हुआ है। क्षेत्र में दूसरी बार लम्पी वायरस के प्रकोप के बाद दर्जनों पशु बीमार हो गये थे। हालांकि विभाग द्वारा बाद में चलाये गये सामूहिक पशु टीकाकरण के कारण इस प्रकोप का प्रभाव तो कम हुआ, लेकिन बीमार गायों का उचित उपचार ना होने के कारण वह शारीरिक रूप से कमजोर हो गये हैं। जिसका असर दुग्ध उत्पादन पर पड़ने से लोगों की आजीविका का साधन प्रभावित हुआ है। जिला पंचायत सदस्य प्रीती पाठक, बिल्दे के ग्राम प्रधान संजय, डनगाँव के सामाजिक कार्यकर्ता मोहन चंद्र के अलावा बद्री सिंह, तेज सिंह, बहादुर सिंह आदि लोगों का कहना है कि वे इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री को अपनी समस्या से अवगत करवायेंगे।

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