चंपावत

चम्पावत : बेमौसमी सब्जी उत्पादन कार्य में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली साबित होगी लाभकारी

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चम्पावत। जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में चम्पावत को ‘आदर्श चम्पावत’ बनाए जाने को लेकर औद्यानिक विकास कार्यों की समीक्षा बैठक वर्चुअल माध्यम से हुई। जिसमें समेकित खेती को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया गया।

वर्चुअल माध्यम से जुड़े आईएआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने जनपद में औद्योनिकी को बढ़ावा दिए जाने के लिए पॉलीहाउस, टनल पॉलीहाउस, सिंचाई टैंक, रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक, वर्मी कंपोस्ट यूनिट की स्थापना का कार्य कृषकों के प्रक्षेत्र में अधिक से अधिक किये जाने पर जोर दिया। कहा कि इससे कृषक अधिक से अधिक सब्जी उत्पादन एवं फल उत्पादन का कार्य कर अपनी आजीविका में वृद्धि कर सकेंगे। बताया कि कृषकों द्वारा बेमौसमी सब्जी उत्पादन कार्य में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप स्प्रिंकलर व माइक्रो स्प्रिंकलर) का उपयोग लाभकारी सिद्ध होगा तथा कृषकों को उत्पादों को विपणन की उचित व्यवस्था होगी, जिससे उनको अपने उत्पादों का अच्छा दाम प्राप्त हो सके। बताया गया कि जनपद की जलवायु नींबू वर्गीय फलों के लिए अनुकूल होने के कारण नींबू प्रजाति के पौधों की फल पट्टी विकसित किए जाने एवं कृषि विज्ञान केंद्र में हाईटेक नर्सरी की स्थापना की जाए। जिससे कृषकों को अच्छी प्रजाति के फल प्राप्त हो सके।इसके अतिरिक्त जनपद में अधिक से अधिक आलू बीज एवं अदरक बीज के उत्पादन को भी अधिक बढ़ावा दिया जाए।

गोविंद बल्लभ पंत प्रौद्योगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर के निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने वर्चुअल के माध्यम से बताया कि औद्यानिक विकास को बढ़ावा दिए जाने हेतु कृषकों के प्रक्षेत्र का भ्रमण रेखीय विभाग एक साथ करें। जिससे की समेकित खेती को बढ़ावा मिल सके। जिस हेतु केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र) के वैज्ञानिक उद्यान विभाग, कृषि विभाग तथा पशुपालन के कार्मिक ग्राम का निरीक्षण कर उनमें होने वाले संभावनाओं के आधार पर कार्य योजना तैयार करें। इसके अतिरिक्त कृषक रूफ गार्डनिंग एवं हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली की स्थापना कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने मृदा क्षरण को रोकने का उपाय और सुझाव दिए।

वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक ज्योलिकोट (नैनीताल) के हरीश चंद्र तिवारी ने जनपद में मौन पालन की अपार संभावनाओं को देखते हुए कहा कि मधुमक्खियों के परागण को बीफ्लोरा को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही केवीके लोहाघाट को नोडल एजेंसी नामित किए जाने की बात कही। कहा कि मधु उत्पाद को जनपद में निर्मित और आउटलेट के माध्यम से मार्केटिंग किया जाए तथा मौन पालन की जनपद में अधिक से अधिक प्रशिक्षण कराया जाए जिससे कि कृषक मौन पालन में निपुण हो सके। बैठक में जिले से मुख्य विकास अधिकारी आरएस रावत, जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडे, कृषि अधिकारी जीएस भंडारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पीएस भंडारी व अन्य वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।