चम्पावत: रीड्स संस्था ने लांच किया ‘प्रांशी‘ साबुन, महिलाओं की आय बढ़ाने में होगा सहायक
चम्पावत/टनकपुर। जनपद की अग्रणी सामाजिक संस्था रीड्स यानी कि ‘रुरल एनवायरमेंटल एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी‘ से जुड़ी महिलाओं ने शुद्ध घरेलू साबुन का उत्पादन करने का कार्य शुरू किया है। इस साबुन को तैयार करने में फलों के गूदों, छिलकों, जूस आदि बनाने के बाद बचने वाली निष्प्रयोग्य वस्तुओं का प्रयोग किया जा रहा है।
संस्था की पूजा लोहनी ने बताया है कि जिले में फल संरक्षण इकाइयां जहां एक ओर जूस, अचार, जैम आदि का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में कर रही हैं, वहीं उसके बाद बच रही सामग्री बेकार जा रही थी। संस्था की ओर से बेकार सामग्री का उपयोग कर साबुन आदि का निर्माण किया जा रहा है। इस अभियान को गति देने का कार्य कर रही डॉ. भावना गहतोड़ी ने बताया है कि संस्था की ओर से महिलाओं की आजीविका वृद्धि के साथ ही शुद्ध वस्तु लोगों तक पहुंचे इसके लिए इस कार्य को आगे बढ़ाया गया है।
इस साबुन में किसी भी प्रकार का रसायन नहींं मिला है। यह साबुन बुरांश, कीवी और खुमानी के पल्प के बचे हिस्से से तैयार किया जा रहा है। संस्था का प्रयास है भीमल से डिश वॉश, कपड़े धोने का साबुन आदि का भी उत्पादन किया जाए। उन्होंने बताया कि इस उत्पाद को अधिक मात्रा में उत्पादित करने के लिए विभिन्न महिला समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रीड्स संस्था के संरक्षक कैलाश चंद्र लोहनी ने बताया है कि रीड्स संस्था की ओर से उत्पादित साबुन को प्रांशी नाम दिया गया है, जो कि धन की देवी लक्ष्मी का पर्याय है। वर्तमान में मुख्य रूप से फेस सोप के साथ-साथ नहाने और छोटे बच्चों के उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ साबुन का उत्पादन किया जा रहा है।
पूर्व राज्यपाल, यूकॉस्ट महानिदेशक आदि ने की सराहना
चम्पावत। बीते दिनों हल्द्वानी में यूकॉस्ट की ओर से आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में स्टॉल के माध्यम से आम लोगों प्रांशी साबुन को लॉन्च किया गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, यूकॉस्ट महानिदेशक दुर्गेश पंत, यूकॉस्ट संयुक्त निदेशक डीपी उनियाल आदि ने संस्था के कार्य की सराहना की।