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चम्पावत : अभावों में पली सपना ने सच कर दिखाया दिव्यांग मां का ‘सपना’

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चम्पावत। जनपद के जीआईसी धौन की इंटर की छात्रा सपना आर्या ने अभावों के बीच इंटरमीडिएट की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। सपना ने इंटरमीडिएट में जिले में चौथा और प्रदेश में 24वां स्थान हासिल किया। सातवीं में पढ़ाई के दौरान सपना के सिर से पिता का साया उठ गया था, लेकिन दिव्यांग मां की विकलांग पेंशन के बूते उसने सपनों को ऐसी ऊंची उड़ान दी कि आज उस पर सभी को नाज है।

अभावों में पली सपना ने दिव्यांग मां का सपना कर दिखाया। सपना की कहानी बेहद दर्द भरी है। वह अपने माता पिता की इकलौती संतान है। उसके पिता कुंवर राम मजदूरी करते थे, जबकि मां सुनीता देवी पैर से दिव्यांग है। सपना के सातवीं में पढ़ाई के दौरान पिता का से निधन हो गया। विपरीत हालात के बाद भी सपना के संघर्षो का सफर जारी रहा। उसने हार नहीं मानी। उसने पिता की मौत के तीन साल बाद हाईस्कूल में 88 फीसदी अंक हासिल कर पहली बार प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके ठीक दो साल बाद ही सपना ने इंटरमीडिएट में 92.60 फीसदी अंकर लाकर मां के सपनों को सच कर दिखाया। उसने जिले में चौथा और प्रदेश में 24वां स्थान हासिल किया।

फोन नहीं होने से मां को नहीं दे सकी टॉप करने की जानकारी
सपना इन दिनों मादली में रह कर मजदूरी कर रहे चाचा प्रकाश राम के यहां आई थी। सफलता की जानकारी मिलते ही सपना की पलकें भीग उठीं। ये पूछे जाने पर कि मां को सफलता की जानकारी कब दी। सपना ने बताया कि मां के पास फोन नहीं होने से जानकारी नहीं दे पाई हैं। हालांकि मां को शायद बेटी के सफल होने का पूरा विश्वास था। यही वजह थी कि मां सुनीता देवी बेटी से मिलने पहले ही धौन से रवाना हो गई थी। सपना के चचरे भाई सुमित ने बताया कि बाद में दोनों मां-बेटी एक दूसरे के गले लग कर देर तक रोते रहे।