तेज रफ्तार ने लील ली एक युवा की जिंदगी, जीप की टक्कर से हाथ कट कर हो गया था अलग

टनकपुर। तेज रफ्तार ने आज क्षेत्र के एक और युवा का जीवन लील लिया। हादसे के बाद से मृतक के परिवार में कोहराम मचा है। क्षेत्र के तमाम लोग उसकी अकाल मौत पर दुख जता रहे हैं। मृतक कैनों में पेयजल सप्लाई करने वाली एक कंपनी से जुड़ा था। वह पेयजल सप्लाई करने जा रहा था। छोटा हाथी वाहन के पीछे बैठा था। विपरीत दिशा से आ रही एक तेज रफ्तार मैक्स ने छोटा हाथी को इतनी जबरदस्त टक्कर मारी कि उसकी चपेट में आकर छोटा हाथी में सवार युवक का हाथ कट कर अलग हो गया। जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया जाता, तब तक उसका इतना खून बह चुका था कि टनकपुर में उसका उपचार किया जाना असंभव था। इस वजह से उसे तत्काल रेफर किया गया। परिजन उसे खटीमा के एक अस्पताल में ले गए, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गया।

मंगलवार को टनकपुर से बस्तिया की ओर पेयजल की सप्लाई करने जा रहे वाहन UK03/1805 (छोटा हाथी) को चम्पावत से टनकपुर की ओर आ रही अनियंत्रित मैक्स (UA04C/6996) ने गलत दिशा में आकर जोरदार टक्कर मार दी। मैक्स की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उसकी चपेट में आकर छोटे हाथी में पीछे बैठे राकेश बिष्ट (22) पुत्र मदन सिंह बिष्ट निवासी छीनीगोठ का दायां हाथ कट कर अलग हो गया। हादसे की सूचना के बाद घायल राकेश बिष्ट को एम्बुलेंस से टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहीं डा. उमर ने बताया कि युवक का दाहिना हाथ कट कर अलग हो गया था। उसे प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। वहीं मैक्स वाहन चालक वाहन चालक राजेन्द्र सिंह पुत्र जोत सिंह निवासी सिप्टी, चम्पावत को भी मामूली चोटें आई हैं। सूचना पर पहुंचे परिजन आनन फानन में राकेश बिष्ट को खटीमा के एक अस्पताल में ले गए। उपचार के दौरान राकेश ने दम तोड़ दिया। माना जा रहा है कि हाथ कटने की वजह से अत्यधिक रक्तस्राव हो गया होगा। टनकपुर अस्पताल पहुंचने तक राकेश की हालत काफी बिगड़ गई। टनकपुर अस्पताल में गंभीर हालत से जख्मी मरीजों के उपचार को उचित प्रबंध न होने के चलते राकेश को कोई राहत नहीं मिल पाई होगी। ये ही वजह रही कि खटीमा पहुंचाने के बाद भी राकेश की जान नहीं बचाई जा सकी। लोगों का कहना है कि टनकपुर में हादसों में गंभीर रूप से घायल लोगों को उचित उपचार उपलब्ध कराने की व्यवस्था होती तो राकेश जैसे लोग अपनी जान नहीं गंवाते। टनकपुर का ट्रामा सेंटर तो मजाक बन कर रह ही गया है। ये ट्रामा सेंटर केवल राजनीतिक ड्रामे के काम ही आ रहा है।
मालूम हो कि टनकपुर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों के भीतर तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ककराली गेट के समीप ही पूर्णागिरि रोड पर एक पूर्व प्रधानाचार्या को एक तेज रफ्तार वाहन ने उस वक्त चपेट में ले लिया, जब वह सुबह की सैर को निकली थीं। हायर सेंटर ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद ककराली गेट से कुछ ही दूरी पर पूर्णागिरि रोड पर एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से सड़क किनारे बैठे दो युवाओं की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने अगले दिन जाम भी लगाया। पुलिस प्रशासन ने तब वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए कार्यवाही करने की बात कही थी, लेकिन आज फिर से एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन मौत की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए कौन से कड़े कदम उठाता है।
