लोहाघाट # धर्मशाला विवाद को लेकर बेनतीजा रही बैठक, दोनों पक्षों में नोकझोंक भी हुई
चम्पावत। लोहाघाट नगर स्थित ऋषेश्वर मंदिर में निर्माणाधीन धर्मशाला को लेकर ऋषेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति शिवालय लोहाघाट और स्वामी मोहनानंद के बीच चल रहे विवाद के समाधान के लिए करीब डेढ घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। बुधवार को प्रशासन, मंदिर समिति, स्वामी के बीच मंदिर विवाद के समाधान के लिए बैठक आयोजित की गई। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोक झोंक भी हुई।
जानकारी के अनुसार एसडीएम अनिल गर्ब्याल की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति और स्वामी की ओर से अपना पक्ष रखा गया। स्वामी मोहनानंद ने ऋषेश्वर मंदिर में निर्माणाधीन धर्मशाला पर मंदिर समिति की ओर से कब्जा करने का आरोप लगाया। साथ ही गीता भवन का नाम बदलकर ऋषेश्वर भवन करने पर कड़ी आपत्ति जताई। स्वामी ने चेतावनी दी कि यदि मंदिर समिति नौ अगस्त को धर्मशाला का उद्घाटन करती है तो वह मंदिर परिसर में आत्मदाह कर लेंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह मेहता ने स्वामी मोहनानंद के आरोपों को बेबुनियाद बताया। कहा कि धर्मशाला पर किसी का कब्जा नहीं है। धर्मशाला को 12 गांवों, नगर और अन्य क्षेत्रों, जन प्रतिनिधियों के सहयोग से बनाया जा रहा है। इसमें 12 गांव सहित नगर क्षेत्र के लोगों का अधिकार है। बैठक में मौजूद मेहता के अलावा देवडांगर व अन्य लोगों ने बाबा के आरोपों को गलत बताते हुए नौ अगस्त को हर हाल में उद्घाटन करने की बात कही। बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंक झोंक हुई। एसडीएम ने बताया है कि दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक में कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने बताया कि मंदिर के उद्घाटन को लेकर अभी तक प्रशासन को लिखित तौर पर कोई जानकारी नहीं है। आवेदन आने के बाद कोरोना नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर प्रशासन की ओर से सीओ अशोक कुमार सिंह, तहसीलदार विजय गोस्वामी, पाटी के नायब तहसीलदार सचिन कुमार, एसओ मनीष खत्री तथा नगर समिति अध्यक्ष कैलाश बगौली, प्रकाश राय, सतीश चंद्र पांडेय, दिनेश सिंह ढेक, पदमादत्त पुनेठा, डा.महेश ढेक, कुलदीप सिंह देव, गिरीश कुंवर, पूरन उप्रेती, महेश सुतेड़ी, सचिन जोशी, दिवान सिंह ढेक, भरत गिरि, वासुदेवानंद गिरि आदि मौजूद रहे।