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अंकिता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे पत्रकार आशुतोष नेगी गिरफ्तार, सुने इस मामले में डीजीपी ने क्या कहा…

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श्रीनगर गढ़वाल। अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे पत्रकार आशुतोष नेगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किये जाते वक्त पत्रकार आशुतोष ने कहा कि ‘ये लड़ाई जारी रहनी चाहिए’। पौड़ी के पयासू गांव के रहने वाले राजेश राजा कोली ने जागो उत्तराखंड के सम्पादक आशुतोष नेगी, दीप मैठाणी और एक अन्य पत्रकार के खिलाफ SC-ST एक्ट में मुकदमा कराया था। वहीं पत्रकार की गिरफ्तारी के मामले में डीजीपी अभिनव कुमार का बयान भी सामने आया है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि …जो भी लोग आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सरकार पर अस्पष्ट आरोप लगा रहे हैं, वे या तो भावनाओं में बह रहे हैं या उनके पास कोई एजेंडा है। अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी तरह के दबाव में नहीं थी। हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग मिला। राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि …जो भी लोग आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सरकार पर अस्पष्ट आरोप लगा रहे हैं, वे या तो भावनाओं में बह रहे हैं या उनके पास कोई एजेंडा है। अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी तरह के दबाव में नहीं थी। हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग मिला। राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है।

राजेश राजा कोली ने पौड़ी पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। इसके बाद सीओ कोटद्वार को इस मामले की विवेचना सौंपी गई थी। दीप मैठाणी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कल मंगलवार को पौड़ी पुलिस ने श्रीनगर आरटीओ ऑफिस के बाहर से आशुतोष नेगी को गिरफ्तार किया। पत्रकार आशुतोष नेगी, अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए मुख्य रूप से मुखर थे। जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले जा रही थी, उस वक्त पत्रकार आशुतोष के शब्द थे कि ये लड़ाई जारी रहनी चाहिए। आशुतोष की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए हो रहे आन्दोलन में आशुतोष नेगी ने अब तक सक्रिय भूमिका निभाई है। अंकिता के माता पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए श्रीनगर गढ़वाल में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। पत्रकार आशुतोष नेगी ने केस में घोर लापरवाही बरतने और वीआईपी को बचाने के लिए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी के विरोध में और अंकिता भंडारी केस में वीआईपी की गिरफ्तारी, तत्कालीन एसडीएम और यमकेश्वर विधायक पर कार्रवाई की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। सरकार का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी की। लोगों ने हाईवे को भी जाम कर दिया।

अंकिता के पिता बोले फर्जी मुकदमे में फंसा रही सरकार
अंकिता के पिता ने कहा कि सरकार अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने वाले लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसा रही है। हाल ही में अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने में सहयोग कर रहे पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी को पुलिस ने एसटीएसी केस में गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद भी ये आंदोलन जारी रहेगा।

नेगी की गिरफ्तारी कानून का मामला, कांग्रेस के आरोप निराधार: चौहान

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पौड़ी में एक पत्रकार की गिरफ्तारी को कानूनी विषय बताते हुए कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया। चौहान ने आरोप लगाया कि अंकिता हत्याकांड मे कांग्रेस राजनैतिक रोटियां सेकती रही है और इस मामले मे जनता उसे नकार भी चुकी है। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी किसी अन्य मामले में हुई है और किसी के इशारे पर नहीं, बल्कि विधिसम्मत है। जहां तक अंकिता हत्याकांड का सवाल है तो उसमे जांच एजेंसियों के द्वारा सटीक जांच की गयी है और न्यायालय ने भी जांच पर संतोष जताया है। आरोपी जेल में है और मामले की सुनवाई चल रही है। किसी को बचाया नही गया, बल्कि जांच में जो भी नाम सामने आये उन पर कार्यवाही हुई है। कांग्रेस की खीज इसी कारण से है कि उसे अपनी राजनैतिक यात्रा मे जन समर्थन नहीं मिला। वह अंकिता के परिजनों की भावनाओं से खिलवाड करने में भी पीछे नहीं रही। तमाम अनर्गल दुष्प्रचार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ करते रहे, लेकिन जनता ने कांग्रेस के प्रायोजित दुष्प्रचार पर भरोसा नही किया, क्योंकि सीएम धामी बिना काल खंड के भर्ती घोटालों की जांच और कानून व्यवस्था मे भी जांच एजेंसियों को खुली छुट देने के फ़ैसलों से जीरो टॉलरेंस को साबित कर चुके हैं। अंकिता प्रकरण मे भी उन्होंने खुद घटना का संज्ञान लिया और 24 घण्टे मे आरोपी सलाखों के पीछे हो गए। कांग्रेस को निराधार आरोपों का परित्याग कर वास्तविकता को स्वीकार करने की जरूरत है। सच यही है कि कांग्रेस हर मामले को राजनैतिक चश्मे से देख रही है।