लापता रिटायर्ड कर्मचारी की गई थी हत्या, मामा-भांजे ने मिलकर लगाया था ठिकाने, पुलिस को बुजुर्ग की लाश भी मिली

देहरादून। खनन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी जगदीश की हत्या का देहरादून पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस हत्याकांड में रायपुर थाना पुलिस टीम ने भांजे को देहरादून और मामा को यूपी के सहारनपुर जिले से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से जगदीश के खाते से निकाले गए चार लाख 80 हजार रुपये, चैक और एफडी बरामद की है। आरोपियों ने जगदीश के खाते में पड़ी 25 लाख की रकम को हड़पने के लिये हत्या की साजिश रची थी।


पुलिस ने बताया कि आरोपी जगदीश को इलाज के बहाने सहारनपुर जिले के देवबंद ले गए थे। वहीं पर उन्होंने जगदीश की हत्या कर लाश को देवबंद की नहर में फेंक दिया था। सहारनपुर पुलिस को बुजुर्ग की लाश भी मिल चुकी है। आरोपियों ने जगदीश के सिम को अपने मोबाइल में डालकर उसके खाते की यूपीआई आईडी बनाई और फिर उसके खाते से करीब 13 रुपये ट्रांसफर किए। पुलिस ने बताया कि बीती छह मार्च को संजय कुमार निवासी लखनऊ ने देहरादून के थाना रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। संजय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि उनके 68 साल के चाचा जगदीश निवासी नत्थुवाला ढांग देहरादून में किराये पर रहते थे, जिनका मोबाइल नंबर एक फरवरी से बंद आ रहा है। संजय कुमार ने जगदीश के मकान मालिक से बात की तो पता चला कि वो दो-तीन दिनों से घर भी नहीं आए हैं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अपनी कार्रवाई शुरू की। जगदीश की तलाश में पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ भी की। जगदीश मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले थे और देहरादून में खनन विभाग में सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए थे।
पुलिस ने जगदीश के मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच की तो सामने आया है कि जगदीश के पीएनबी बैंक खाते से यूपीआई के जरिए लगातार मोहित त्यागी नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर हो रहे है। साथ ही पुलिस को पता चला है कि खाता कुछ दिनों पहले ही खुलवाया गया है। पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो सामने आया है कि जगदीश स्मार्ट फोन यूज ही नहीं करते थे। उन्हें ऑनलाइन बैकिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने मोहित त्यागी को हिरासत में लिया। आरोपी मोहित त्यागी से सच बुलवाने में पुलिस को ज्यादा समय नहीं लगा। पुलिस पूछताछ में आरोपी मोहित त्यागी ने बताया कि उसे अपने मामा प्रवीन त्यागी के साथ मिलकर बुजुर्ग जगदीश की हत्या कर दी, और उसका शव उन्होंने देवबंद की नहर में फेंक दिया था। पुलिस को मोहित त्यागी के पास से जगदीश का सिम कार्ड, खाते में पड़े 3.50 लाख रुपये, एक चेक और तीन लाख रुपए नकद बरामद हुए। पुलिस ने दूसरे आरोपी प्रवीण त्यागी को नूरपुर देवबंद से गिरफ्तार किया, जिसके पास से भी पुलिस को 1.80 लाख रुपये और जगदीश के पीएनबी बैंक की पांच लाख रूपये की एक एफडी बरामद की।
जानिए आरोपियों की जगदीश के कैसे हुई जान पहचान…
आरोपी मोहित त्यागी मूल रूप से देवबंद सहारनपुर का रहने वाला है और वर्तमान में पुष्प विहार गुजरोंवाली चौक देहरादून में किराये पर रह रहा है और इसी इलाके में ई-रिक्शा चलता है। जगदीश और आरोपी मोहित त्यागी की मुलाकात करीब चार साल पहले गुजरोवाला चौक पर हुई थी। दोनों अक्सर वहीं पर बैठे रहते थे। आरोपी वहीं पर सवारी का इंतजार करता था। इसी तरह दोनों की अच्छी जान पहचान हो गई। पुलिस के अनुसार जगदीश अपनी सारी बातें आरोपी से साझा करता था। मोहित को पता चल गया था कि जगदीश की शादी नहीं हुई है और उसके आगे पीछे कोई नहीं है। साथ ही जगदीश का अपने रिश्तेदारों से भी कोई खास संपर्क नहीं है।
जगदीश को मुंह का कैंसर था, जिस कारण वो हमेशा अपने मुंह पर मास्क लगाकर रखता था। जगदीश ने ये बात भी मोहित से शेयर की थी, जिस वजह से वो काफी परेशान था। इसी बीच मोहित को ये भी पता लग गया था कि जगदीश के खाते में 24 से 25 लाख रुपए हैं। मोहित ने जगदीश के अकेलेपन का फायदा उठाकर उसके रुपये हड़पने का प्लान बनाया। इसके लिए उसने अपने मामा प्रवीण के साथ मिलकर एक प्लान बनाया। मोहित ने मामा को भी रुपयों का मोटा लालच दिया था। प्लान के अनुसार मोहित ने जगदीश को देवबंद में कैंसर का एक अच्छे डाक्टर के होने और उसका इलाज कराकर बीमारी को जड़ से खत्म करने का विश्वास दिलाया। ऐसा करके मोहित ने जगदीश को सहारनपुर चलने के लिए राजी भी कर दिया।
मोहित चार फरवरी को जगदीश को अपनी सेन्ट्रो कार से अपने मामा के घर देवबंद ले गया। अगले दिन यानी पांच फरवरी को मामा-भांजे ने जगदीश की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों लाश को कार की डिग्गी में डाला और घर से करीब सात-आठ किमी आगे देवबंद की नहर में फेंक दिया। साथ ही जगदीश का मोबाइल फोन सहित उसके आधार कार्ड की फोटो अपने पास रख ली।
