अब ग्रामीण खुद ही सुलझाएंगे भोजनमाता की नियुक्ति का प्रकरण, एसडीएम के साथ बैठक में बनी सहमति, भोजनमाता सुनीता से मिले सांसद प्रदीप टम्टा


टनकपुर। राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में भोजनमाता की नियुक्ति प्रकरण देश भर में बवाल मचाने के बाद अब सुलझता नजर आ रहा है। नियुक्ति प्रकरण का विवाद इतना भारी हो गया कि मामले में सीएम तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। मामले में सरकार को घेरने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ साथ आप व अन्य राजनैतिक दल भी कूद पड़े थे। शनिवार को एसडीएम एसडीएम हिमांशु कफल्टिया की अध्यक्षता में स्कूल प्रबंधन, ग्रामीणों, जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक में तय हुआ कि सभी 66 छात्र-छात्राएं मध्याह्न भोजन एक साथ करेंगे। नियुक्ति विवाद की जांच के लिए डीएम के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति के फैसले को सभी पक्ष मानेंगे। तय किया गया कि क्षेत्र के सामाजिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।

सूखीढांग जीआईसी पिछले दिनों एससी भोजनमाता के हाथ से बना भोजन सवर्ण छात्रों ने खाने से इनकार करने की बात सामने आने के बाद चर्चाओं में आ गया था। मामला अखबारों से लेकर सोशल मीडिया पर छाया रहा। अगले दिन शुक्रवार को एससी छात्रों ने सवर्ण भोजनमाता के हाथ से बना भोजन खाने से इनकार कर दिया।
विवाद की जानकारी होने और सरकार की खराब होती छवि के बीच शनिवार को एसडीएम ने सुलह की पहल के लिए सूखीढांग में बैठक बुलाई। सूखीढांग जीआईसी अभिभावक-शिक्षक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र जोशी, संघ के पदेन उपाध्यक्ष प्रधानाचार्य प्रेम सिंह, सीईओ आरसी पुरोहित, डीईओ (प्रारंभिक शिक्षा) सत्यनारायण, बीईओ अंशुल बिष्ट, सीओ अशोक कुमार सिंह, तहसीलदार पिंकी आर्या, ग्राम पंचायत सदस्य पूजा बिष्ट, सतीश, महेश चंद्र, निशा गहतोड़ी और हरी देवी, बीडीसी सदस्य दीपा जोशी, ग्राम प्रधान दीपक राम ने मामले का पटाक्षेप करने में सहमति जताई। तय हुआ कि दो दिन पहले इस्तीफा देने वाले ग्राम पंचायत के पांचों सदस्य त्यागपत्र वापस लेंगे। वहीं ग्राम प्रधान भी अपनी शिकायत वापस लेने के लिए राजी हो गए। इधर, देहरादून से चम्पावत आते वक्त एसपी देवेंद्र पींचा ने भी कुछ देर सूखीढांग में रुक कर जायजा लिया और मातहतों को निष्पक्ष जांच के साथ हालात को किसी भी सूरत में नहीं बिगड़ने देने के निर्देश दिए।
बैठक में इन मुद्दों पर बनी सहमति:
1- भोजनमाता भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच।
2- भोजनमाता भर्ती प्रक्रिया पर नियमों के मुताबिक कार्यवाही की जाए।
3- ग्राम प्रधान के शिकायत वापस लेने के साथ ही त्यागपत्र देने वाले ग्राम पंचायत के सभी पांचों सदस्य इस्तीफा वापस लेंगे।
4- क्षेत्र में विद्वेष और जातिगत मनमुटाव को खत्म कर पहले की तरह भाईचारा, सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाएगा।
5- मामला गांव का आंतरिक मामला है लिहाजा ग्रामीण इसे आपस में सुलझाएंगे और बाहरी दखलंदाजी स्वीकार नहीं करेंगे।
तीन सदस्यीय समिति जल्द देगी जांच रिपोर्ट
टनकपुर। भोजनमाता विवाद मामले की निष्पक्ष जांच के लिए डीएम विनीत तोमर ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। समिति में दो सदस्य दूसरे विभागों के होंगे। मुख्य शिक्षाधिकारी आरसी पुरोहित की अध्यक्षता में बनने वाली इस जांच समिति में दो सदस्यों में एक महिला और दूसरा अनुसूचित जाति वर्ग का अधिकारी होगा। समिति एक हफ्ते में जांच पूरी कर लेगी।

भोजनमाता सुनीता से मिले सांसद टम्टा
टनकपुर। राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि क्षेत्र में किसी तरह के जातीय या सामाजिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। शनिवार को इस घटना का जायजा लेने सूखीढांग पहुंचे सांसद ने कहा कि जीआईसी में आठवीं कक्षा तक कुल 66 छात्र-छात्राएं हैं, जिनके लिए दो भोजनमाता नियुक्त की जाती हैं, पर यहां एक ही भोजनमाता पुष्पा भट्ट तैनात हैं। दूसरी भोजनमाता सुनीता देवी की तैनाती सही है, लेकिन प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सांसद ने कहा कि प्रक्रिया को पूरा करना या अनुमोदन लेना विभाग का काम है। उसकी इस हीलाहवाली से ये नौबत आई है। सांसद टम्टा बाद में भोजनमाता सुनीता देवी के घर भी गए और उन्हें इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया। सांसद के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष पूरन सिंह कठायत और युकां जिलाध्यक्ष सूरज प्रहरी भी मौजूद रहे।

