मां पूर्णागिरि धाम में पेयजल की किल्लत होगी दूर, लादीगाड़ पेयजल योजना का सर्वे शुरू
उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध धाम मां पूर्णागिरि में पेयजल की किल्लत जल्द दूर होगी। पानी की कमी को दूर करने के लिए स्वीकृत लादीगाड़ पेयजल योजना का सर्वे शुरू हो गया है। देहरादून के भूगर्भशास्त्री जीडी नैथानी के नेतृत्व में आई टीम ने सोमवार से सर्वे कार्य शुरू किया। मां पूर्णागिरि धाम चम्पावत जिले का सबसे बड़ा आध्यात्मिक स्थल है। पेयजल किल्लत की वजह से मेले की व्यवस्था से लेकर श्रद्धालुओं तक के लिए परेशानी बनी रही है। इसे दूर करने के लिए पूर्णागिरि धाम में दूसरी पेयजल योजना (लादीगाड़ पेयजल योजना) का इसी वर्ष दो अप्रैल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मां पूर्णागिरि देवी के दर्शन के बाद एलान किया था। अब योजना के निर्माण के लिए भू-परीक्षण से लेकर अन्य जरूरी कार्य शुरू कराए जा रहे हैं। सोमवार से इसकी शुरुआत हो गई है। सर्वे के दौरान पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी, कोषाध्यक्ष नवीन तिवारी, कमलापति पांडेय के अलावा जल संस्थान के सहायक अभियंता बीएस कुआर्बी आदि मौजूद रहे।
तीन साल पूर्व स्वीकृत पेयजल योजना की दूर हो रही वन अनापत्ति
मां पूर्णागिरि धाम के लिए पूर्व में मंजूर एक अन्य पेयजल योजना भी प्रगति में है। अक्तूबर 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां के लिए पेयजल योजना की घोषणा की थी। तीन करोड़ पचानवे लाख रुपये की इस योजना की निविदा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वन अनापत्ति को दूर करने के लिए पेयजल निगम कार्यवाही कर रहा है।