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बाघ दो सौ मीटर तक घसीट कर ले गया, लेकिन युवक ने नहीं मानी हार, लात घूसों का प्रहार कर बचा ली जान

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उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। कई घटनाओं में लोगों की जान भी जा चुकी है। अब बाघ के हमले की खबर अल्मोड़ा से आ रही है। जहां एक युवक पर बाघ ने हमला किया और उसे घायल कर करीब दो सौ मीटर तक घसीट कर भी ले गया, लेकिन युवक ने हार नहीं मानी। युवक ने लात घूसों से बाघ के मुंह व नाक पर वार कर उसे भगा दिया और अपनी जान बचा ली।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के गैरसैंण निवासी 40 वर्षीय रमेश खत्री सोमवार सुबह दिल्ली से चार अन्य लोगों के साथ गांव जा रहा था। अल्मोड़ा वन रेंज के दानापानी चरीधार के पास ज्यों ही वह शौंच करने के लिए गाड़ी से बाहर निकला त्यों ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया। इससे पहले कि उसके साथी कुछ समझ पाते तब तक बाघ रमेश को घसीटकर दो सौ मीटर दूर पहुंच चुका था। बावजूद इसके लहुलूहान रमेश ने हार नहीं मानी। उसने बाघ की आंखों और नाक पर लात से प्रहार शुरू कर दिए थे। उसके कुछ ही देर बाद अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए थे। लोगों को आता देख बाघ शिकार छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमलावर जीव बाघ था या तेंदुआ।

बताया जा रहा है कि चरीधार के पास वाहन रुकने पर उसमें सवार सभी यात्री शौंच के लिए बाहर निकले थे। खुले में शौंच करने के दौरान बाघ ने सरेआम रमेश पर हमला कर दिया था। पलक झपकते ही बाघ रमेश को घसीटता हुआ चला गया। रमेश की बहादुरी और अन्य लोगों के जज्बे के कारण बाघ शिकार छोड़कर भाग निकला। बाघ ने पंजों से प्रहार कर रमेश को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसके गले में बाघ के नाखूनों के गहरे निशान पड़ गए थे। आनन-फानन में साथियों ने रमेश को रामनगर के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। घटना से उसके साथ मौजूद अन्य लोगों में भी दहशत का माहौल है।