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टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला में साढ़े चार लगा जाम, वजह जानें

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चम्पावत। बारिश के चलते भारी मात्रा में मलवा आने के चलते स्वाला के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग साढ़े चार घंटे बंद रहा। इस दौरान सैंकड़ों यात्री और वाहन जाम में फंसे रहे। कड़ी मशक्कत के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग में आवाजाही शुरू की जा सकी। मालूम हो कि स्वाला के समीप पहाड़ी से बीते लंबे समय से मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। बावजूद इसके इस संवेदनशील स्थान पर सड़क खोलने के लिए समुचित संसाधन नहीं हैं। इससे सड़क खोलने में दिक्कत हो रही है। एक जेसीबी मशीन तैनात किए जाने को लेकर यात्रियों ने नाराजगी जताई है। मीडिया के अनुसार जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह करीब आठ बजे स्वाला के समीप बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग में आवाजाही बाधित हो गई। इस वजह से जाम में सैंकड़ों यात्री और वाहन फंस गए। कार्यदायी कंपनी ने मलबा और पत्थर हटाने का कार्य शुरू किया। लेकिन पहाड़ी से गिर रहे पत्थर और घना कोहरा होने की वजह से सड़क से मलबा हटाने में जेसीबी चालक को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सड़क से मलबा हटा कर आवाजाही सुचारू की जा सकी। आसपास कोई दुकान नहीं होने और बारिश होने से यात्रियों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उधर जाम में फंसे यात्री पूर्व जिला पंचायत सदस्य पुष्कर सिंह बोहरा, प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष गोविंद बोहरा, जिला शासकीय अधिवक्ता भाष्कर मुरारी, मुन्ना ढेक, सुमित मुरारी, ईश्वर सिंह आदि का कहना है कि स्वाला के समीप बने डेंजर जोन में महज एक जेसीबी की तैनाती की गई है। इससे सड़क खोलने में अनावश्यक देरी हो रही है। लोगों का कहना है कि इसके उलट जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड संवेदनशील क्षेत्रों में तीन-तीन मशीनों की तैनाती के दावे करता रहा है। उन्होंने यात्रियों की परेशानी को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में समुचित संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है। एनएच के ईई एलडी मथेला का कहना है कि कोहरा लगने और पहाड़ी से पत्थर गिरने से जेसीबी चालक को खतरा बना हुआ है। इस वजह से सड़क खोलने में देरी हो रही है।