उत्तराखंड के इस कयाकर ने पहली बार 11 हजार फीट की ऊंचाई पर की कयाकिंग
पिथौरागढ़। नरेंद्र मेहरा (नानू) ने समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर कुटी गांव की यांग्ती नदी में कयाकिंग की। नरेंद्र का दावा है कि ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय हैं। हालांकि रिकार्ड की बात की जाए तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक यूक्रेन के वैलेंटाइन सिपाविन के नाम 20,898.91 फीट की ऊंचाई पर कयाकिंग करने का रिकॉर्ड है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नाचनी निवासी नरेंद्र ने कंपकंपाती सर्दी और चारों और बर्फ के बाद भी उन्होंने कुटी की यांग्ती नदी में कयाकिंग की। नरेंद्र नाचनी में पिछले नौ वर्षों से रामगंगा नदी किनारे रिवर कैंप चला रहे हैं। उनके इस प्रयास से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ी हैं। स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है। साहसिक खेल में रोजगार मिलने से पलायन भी रुका है। नरेंद्र अभी छह अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने एशिया के सबसे बड़े मालाबार रिवर फेस्टिवल में आयोजित इंटरमीडिएट स्तर की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। इस प्रतियोगिता में प्रो कैटेगरी में एशिया के चार श्रेष्ठ पैडलरों में नाम शुमार है। लेह में हर वर्ष सबसे ऊंचाई में होने वाली विश्व की कयाकिंग प्रतियोगिता में लगातार भाग लेकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
रामगंगा नदी में पिछले माह हो चुकी है कयाकिंग
पिथौरागढ़। रामगंगा नदी में छह लोग कयाकिंग कर चुके हैं। इनमें नरेंद्र मेहरा (नानू), नैना अधिकारी, आशु रावत, बालम सिंह राणा, मनीष धाकर, नीरज मेहरा शामिल हैं। साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए डीएम डॉ. आशीष चौहान भी हरसंभव मदद कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि क्षेत्र में जब साहसिक खेलों की संभावनाएं हैं तो इन गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी है। डीएम ने शिव महोत्सव में का भी आयोजन करवाया।
पिथौरागढ़ जिले में मिलने वाली नदियों में कयाकिंग की अपार संभावनाएं हैं। पूरे वर्ष नदियों में कयाकिंग के लिए पानी उपलब्ध रहता है। यहां की नदियां प्रोफेशनल कयाकरों के लिए मुफीद हैं। कयाकिंग को जिले में बढ़ावा दिया जाए तो पिथौरागढ़ निश्चित तौर पर साहसिक खेलों में काफी आगे हो सकता है। नरेंद्र मेहरा, अंतरराष्ट्रीय, कयाकर