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उत्तराखंड : जेब में रुपये दिखे तो लालच में साथ बैठकर शराब पी, फिर युवक को बेरहमी से मार डाला, जला दिया शव

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हरिद्वार। श्यामपुर थाना क्षेत्र में संभल के युवक की गला घोंटकर हत्या कर शव जलाने के मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने कांगड़ी के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने गोपाल की जेब में हजारों रुपये देखकर उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी।

इसके लिए पहले सभी ने साथ बैठकर शराब पी, फिर नशे की हालत में गला घोंटकर गोपाल की हत्या कर दी थी। पहचान मिटाने के लिए आरोपियों ने शराब डालकर शव को आग लगा दी थी। फिर जेब से पैसे, आधार कार्ड चोरी कर भाग निकले थे। हत्याकांड में खोखा संचालक की भूमिका सामने न आने पर उसे छोड़ दिया गया। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

बुधवार को एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने प्रेसवार्ता कर बताया कि तीन नवंबर की सुबह श्यामपुर थाना क्षेत्र में उमेश्वर धाम के सामने कांगड़ी में अधजला शव मिला था। शव की शिनाख्त गोपाल (33) पुत्र शंकरलाल निवासी महमूद खान सराय जनपद संभल यूपी हाल पता ग्राम कांगड़ी श्यामपुर के रूप में उसकी पत्नी अनिता ने की थी। गोपाल के भाई नीरज ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

सीओ सिटी जूही मनराल व एसओ नितेश शर्मा की अगुवाई में टीमें खुलासे के लिए लगाई गई। एसएसपी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो दो नवंबर की सुबह गोपाल दो बाइक सवार युवकों के साथ दिखाई दिया था। दोनों से उसकी बहस और धक्का-मुक्की होने का पता चला। पड़ताल में दोनों की पहचान मोहित व रविंद्र निवासी ग्राम कांगडी थाना श्यामपुर के तौर पर हुई।

एसएसपी ने बताया कि मंगलवार को रविंद्र और मोहित को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। तब दोनों ने गोपाल की हत्या को अंजाम देने की बात कबूली ली। बताया कि गोपाल पत्नी से अनबन होने के कारण कई-कई माह बाद घर जाता था। पत्नी आरोपी रविंंद्र की परचून की दुकान से सामान लेती थी। बकाया होने से रविंद्र उसे टोकता था। दो नवंबर को गोपाल के पास 18 से 20 हजार रुपये जेब में पड़े थे। रविंद्र और मोहित ने रकम देख ली थी और लालच में आ गए थे। गोपाल ने नशे में दोनों को पत्नी को टोकने की बात पर गालियां दी। इससे दोनों गुस्सा भी थे। इस पर दोनों ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बना ली।

पहले कई बार शराब पी, फिर ऐसे दिया हत्या को अंजाम
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि दोनों आरोपियों ने गोपाल के साथ दो नवंबर को सुबह से शाम तक कुछ-कुछ देर बाद शराब पी। रात में 10:30 बजे फिर शराब पीते समय गोपाल ने गाली गलौज शुरू कर दी। तब रविंद्र ने गोपाल को धक्का देकर सड़क से नीचे झाड़ियों पास गिराया और दोनों ने मिलकर उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर उसकी जेब से पैसे और आधार कार्ड चोरी कर लिए। पहचान मिटाने के लिए शराब छिड़ककर शव को आग लगा दी। आग की ऊंची लपटें देखकर दोनों भाग गए। सुबह शव आधा जलने और पुलिस के छानबीन का पता चलते ही दोनों भागने की तैयारी में लग गए। मंगलवार को कांगड़ी से बाइक के साथ दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

खोखा स्वामी को फंसाने की कोशिश की
सीओ सिटी जूही मनराल ने बताया कि दोनों आरोपियों ने दो नवंबर को गोपाल के साथ शराब पीने और नशा ज्यादा होने पर उसकी हत्या करने का जुर्म तो कबूल किया ही, लेकिन ठेके के बराबर में खोखा लगाने वाले राजन को भी हत्या में शामिल बताया। सबूतों के आधार पर दोनों हत्यारोपियों से पुनः पूछताछ करने पर पता चला कि राजन का हत्याकांड में कोई रोल नहीं था। दोनों ने उसका नाम केवल इसलिए लिया क्योंकि उसकी वित्तीय हालत बेहतर थी। ऐसे में पूछताछ के बाद राजन को छोड़ दिया गया।

शुरुआत में पत्नी पर भी था शक
एसओ नितेश शर्मा ने बताया कि शराब पीने के चलते गोपाल की अपनी पत्नी अनिता से अनबन रहती थी। इसलिए वह घर पर कम आता था। शुरुआत में इस एंगल पर भी पड़ताल की गई, लेकिन पत्नी की कोई संलिप्तता सामने नहीं आई।