पेयजल समस्या से त्रस्त पम्दा के ग्रामीणों ने खाली बर्तनों के साथ किया प्रदर्शन
चम्पावत। विकासखंड बाराकोट के ग्राम सभा पम्दा के मयो, आमथें और बसौरा तोक में गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। लोग करीब छह किमी दूर से गधेरों से पानी लाकर अपनी और मवेशियों की प्यास बुझाने को मजबूर हैं। पेयजल समस्या से त्रस्त ग्रामीणों ने खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने शीघ्र समस्या का समाधान न होने पर गांव से पलायन करने की बात कही।
ग्रामीणों का कहना था कि पिछले चार महीनों से गांव के लिए बनाई गई काल्लो-मयो पेयजल योजना में पानी की एक बूंद नहीं टपकी है। गांव के पुराने जल स्रोत सूख चुके हैं। पम्दा के इन तोकों में अनुसूचित जाति के पांच परिवार, पिछड़ी और सामान्य जाति के तीन-तीन परिवार रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल समस्या के चलते वह करीब छह किमी दूर पुनई गधेरे से स्वयं और जानवरों के लिए पानी ढोना पड़ रहा है। मयो में स्थित पम्दा निवासियों के ईष्ट देव एकहथिया बाबा के देव डांगर ईश्वरीय दत्त जोशी का कहना है कि मंदिर में पूजा करते वक्त आचमन करने के लिए भी पानी नहीं है, सभी ग्रामीण पम्दा गांव से पानी लाकर पूजा करने के लिए मजबूर हैं।
लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी के नेतृत्व में खाली बर्तनों के साथ जल संस्थान के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीण ईश्वरी दत्त जोशी, मनोहर जोशी, महेश चंद्र जोशी, प्रकाश चंद्र जोशी का कहना है कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो वह यहां से पलायन कर जाएंगे। प्रदर्शन करने वालों में देवकी देवी, भागीरथी देवी, परमानंद जोशी, ईश्वर दत्त जोशी, महेश चंद्र जोशी, कलावती देवी, प्रकाश जोशी, खीमा देवी, हरली देवी, नकुल जोशी, गरिमा जोशी मौजूद थे। जल संस्थान के जेई भुवन भट्ट का कहना है कि सप्ताह में दो दिन टेंकर से दो हजार लीटर पानी बांटा जा रहा है। समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।