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मणिपुर : महिलाओं से बर्बरता के 14 और आरोपियों की हुई पहचान, गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कसी कमर

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मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने वाली भीड़ का हिस्सा रहे 14 और लोगों की पुलिस ने पहचान कर ली है। साथ ही इन्हें गिरफ्तार करने के लिए दबिश देना शुरू कर दिया है। इस मामले में, छह लोगों को पहले ही पकड़ा जा चुका है।

पुलिस ने सोमवार को बताया कि दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने वाला वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 26 सेकंड के वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इसी मामले में पुलिस ने 14 और लोगों की पहचान की है। इन्हें गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वीडियो में नजर आ रही महिलाओं में से एक महिला असम रेजीमेंट में सूबेदार के तौर पर सेवाएं दे चुके और करगिल युद्ध लड़ चुके सेना के एक पूर्व जवान की पत्नी है। इस घटना के संबंध में कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस थाने में 21 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

क्या है मामला?
पहाड़ी राज्य मणिपुर पिछले कुछ समय से जातीय हिंसा की चपेट में है, लेकिन अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है। यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में हुई। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, चार मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में कई संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में जबरदस्ती घुस आए। इनके पास एके राइफल्स, एसएल.आर इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा पांच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नॉनपाक सेकमाई पुलिस टीम द्वारा बचाया गया और वे नोंगनोक सेकमाई थाने के रास्ते में थे। इस बीच उन्हें रास्ते में एक भीड़ ने रोक दिया और नोंगपोक सेकमाई थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर और 33 एआर सोमरेई चौकी से लगभग तीन किलोमीटर दूर भीड़ ने उन्हें पुलिस टीम की सुरक्षा से छीन लिया। इसके अलावा एक 56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या कर दी गई।

प्रधान ने बताया कि इसी दौरान भीड़ द्वारा तीन महिलाओं को उनके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। घटना से जुड़े वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं, जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं। हैवानियत यहीं सीमित नहीं रही, एक 21 साल की लड़की का दिन दहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जब 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन की अस्मिता और जान बचाने की कोशिश की, तो भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। हालांकि, पीड़िता कुछ लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।