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सितारगंज : 15 सालों से फर्जी बीएड प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे, मास्साब​ किए गए बर्खास्त, रिपोर्ट भी दर्ज होगी

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सितारगंज/रुद्रपुर। 15 वर्षों से फर्जी बीएड प्रमाणपत्र के आधार पर सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत रामशब्द को शिक्षा विभाग ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। साथ ही, उधम सिंह नगर के डीईओ हरेंद्र कुमार मिश्र ने शिक्षा अधिकारी सितारगंज को संबंधित मामले में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

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आरोपी रामशब्द ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के बीएड प्रमाणपत्र (साल 2005) के आधार पर वर्ष 2009 में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाई थी। वर्तमान में वह राजकीय प्राथमिक विद्यालय, पंडरी सितारगंज में तैनात थे। शिक्षा विभाग द्वारा अभिलेखों के सत्यापन के दौरान उनके बीएड प्रमाणपत्र को संदिग्ध पाया गया। जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से पुष्टि कराई गई, जिसमें यह सामने आया कि 2005 में प्रमाणपत्र पर अंकित अनुक्रमांक किसी भी छात्र को आवंटित नहीं किया गया था।

फर्जी प्रमाणपत्र की पुष्टि के बाद, शिक्षा विभाग ने रामशब्द को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का अवसर दिया। हालांकि, वे कोई ठोस जवाब देने में असमर्थ रहे। इस पर डीईओ ने उन्हें तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। डीईओ ने शिक्षा अधिकारी सितारगंज को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। मामले की आगे की जांच पुलिस करेगी।