चम्पावत की उर्मिला खर्कवाल की ऐपण कला की बेंगलुरु में आयोजित तीन दिनी ‘द हाट ऑफ आर्ट’ कार्यशाला में रही धूम

चम्पावत। बैंगलुरु में 24 जनवरी से तीन दिन तक आयोजित द हाट ऑफ आर्ट कार्यशाला में चम्पावत के च्यूराखर्क की मूल निवासी उर्मिला खर्कवाल की ऐपण कला की धूम रही। 10 साल तक वाणिज्य मंत्रालय में वरिष्ठ व्याख्याता रह चुकीं खर्कवाल ने कार्यशाला के दौरान ऐपण कला की बारीकियां बताने के साथ दूसरों को जागरुक भी किया। पतंजलि योगपीठ की जिला प्रभारी कुसुमलता खर्कवाल की बेटी उर्मिला खर्कवाल ने कहा कि ऐपण कला सचमुच पवित्र कला है। जो सकारात्मकता और संतुष्टि का भाव देती है। उत्तराखंड सरकार ऐपण कला को प्रोत्साहित तो कर रही है, लेकिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के लिए और प्रयास की जरूरत है।


कार्यशाला के दौरान लोगों ने ऐपण कला से कई खूबसूरत चित्र बनाए। द हाट ऑफ आर्ट कार्यशाला के मैंटर बिंदु सिंह (विख्यात पहलवान रहे दारा सिंह के बेटे) ने बताया कि उर्मिला खर्कवाल द्वारा बनाई ऐपण कला अदभुत और अलौकिकता का खूबसूरत नमूना है। बिंदु सिंह ने कहा कि ऐपण कला से उत्तराखंड को नई पहचान मिल रही है। कार्यशाला में उत्तराखंड की ऐपण कला की सराहना बैंगलुरु के लोग ही नहीं, बल्कि कार्यशाला में आए चीन और कुछ अन्य देशों के लोगों ने भी की। indian tradational art की तर्ज पर चीन और USA में बन रहे होटलों में इंटीरियर डेकोरेशन में ऐपण कलाकारी के उर्मिला खर्कवाल को प्रस्ताव मिले हैं।

तीन दिनी कार्यशाला का आगाज 24 जनवरी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैये ने किया। हाट ऑफ आर्ट देशभर में कला के विभिन्न रुपों और कलाकारों को एक छत के नीचे लाने की अवधारणा के साथ एक कला प्रदर्शनी आयोजित करती है।