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उत्तराखंड : शासन ने जिला पंचायत अध्यक्षों को ही प्रशासक नियुक्ति किया, ऐसा करने के लिए जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट को किया अधिकृत

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देहरादून। पंचायती राज विभाग ने जिला पंचायत को जिला पंचायत अध्यक्षों को ही प्रशासक बना कर उन्हीं कर हवाले कर दिया गया है। इस संबंध में पंचायती राज सचिव ने शनिवार को आदेश जारी कर दिए हैं।

जारी किए गए आदेश के अनुसार, पंचायत का कार्यकाल पहली बैठक की तिथि से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि तक के लिए निर्धारित है. जिसके चलते उत्तराखंड राज्य के सभी जिलों (हरिद्वार जिले को छोड़कर) में नवंबर 2019 को त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव कराया गया था। चुनाव के बाद ग्राम पंचायतों की पहली बैठक 28 नवंबर 2019, क्षेत्र पंचायतों की पहली बैठक 30 नवंबर 2019 और जिला पंचायतों की पहली बैठक 2 दिसंबर 2019 को हुई थी, लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने से पहले अपरिहार्य परिस्थितियों के चलते चुनाव नहीं कराया जा सका है।

ऐसे में अब राज्यपाल, उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम, 2020 की धारा 130 की उपधारा 6 में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए प्रदेश के सभी जिला पंचायतों (हरिद्वार जिला को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायतों के प्रशासक के रूप में संबंधित जिले के जिला पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष को नियुक्त करने के लिए जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया है। यानी अगले अधिकतम 6 महीने तक या फिर उससे पहले चुनाव होने तक जिला पंचायत अध्यक्ष बतौर प्रशासक कार्य करेंगे।