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उत्तराखंड में कांग्रेस नेताओं को बयान देने से पहले लेनी होगी अनुमति, जानें क्यों लिया गया है फैसला….

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देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी नेताओं और प्रवक्ताओं को संवेदनशील मुद्दों पर प्रेस वार्ता या बयान देने पर रोक लगा दी है। बकायदा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि भविष्य में पत्रकार वार्ता और संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति जरूर लें।

बता दें कि कुछ नेता और प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सूचित किए बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर देते हैं। इसके अलावा पार्टी के नेता गंभीर विषयों पर मीडिया को बाइट दे रहे हैं। कांग्रेस के ऐसे नेता भी हैं, जो अपने कैंप कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को बयान भी जारी करते हैं। जिससे कभी कभार पार्टी की फजीहत हो जाती है। लिहाजा, ऐसा करने वाले नेताओं के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्र जारी किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कोई बयान देने या फिर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने से पहले पीसीसी की इजाजत लेना जरूरी है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अक्सर ये देखने में मिलता है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जानकारी दिए बिना पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जाता है, जो कि उचित प्रतीत नहीं होता है। इसलिए सभी नेताओं और प्रवक्ताओं से अपेक्षा है कि भविष्य में पत्रकार वार्ता और संवेदनशील मुद्दों पर बाइट देने से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति लेना जरूरी है।

दरअसल, करन माहरा का यह कदम पार्टी अनुशासन के रूप में भी माना जा रहा है। क्योंकि, कई ऐसे गंभीर विषयों पर पार्टी के नेता मीडिया को ऐसे बयान दे रहे थे। जिससे पार्टी के लिए बचाव करना मुश्किल हो रहा था। केदारनाथ में सोने की परत मामला, कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट लगाने, दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ नाम से मंदिर, शंकराचार्य का अपमान जैसे कई ऐसे विषय में पार्टी लाइन से से हटकर बयान दे रहे थे।

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