ऊर्जा निगम के रिश्वतखोर जेई को चार साल कठोर कारावास, कोर्ट ने 20 हजार का जुर्माना भी लगाया
देहरादून। विद्युत चोरी के मुकदमे से बचाने की एवज में रिश्वत लेते पकड़े गए ऊर्जा निगम के जेई को कोर्ट ने चार साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। स्पेशल जज विजिलेंस अंजलि नौलियाल की कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गिरफ्तारी वर्ष 2010 में की गई थी।
एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि सुरेंद्र कुमार निवासी ग्राम इब्राहिमपुर, रुड़की ने 16 जुलाई 2010 को विजिलेंस को शिकायत की थी। सुरेंद्र एक सर्विस स्टेशन चलाते थे। यह क्षेत्र विद्युत वितरण खंड रुड़की के अंतर्गत आता था, जिसमें सुनील शाह जेई के पद पर तैनात थे। सुरेंद्र के अनुसार सुनील शाह उनके पास आए और उन पर पांच लाख रुपये की बिजली चोरी का आरोप लगाया। धमकाया गया कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। यदि मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहते तो 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई। लेकिन, सुरेंद्र कुमार रिश्वत नहीं देना चाहते थे।
उनके कहने पर रिश्वत की रकम को सुनील शाह ने 10 हजार रुपये कर दिया और सुरेंद्र को अपने दफ्तर बुला लिया। इस शिकायत पर 21 जुलाई 2010 को विजिलेंस की टीम ने सुनील शाह को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस ने जांच पूरी कर सुनील शाह के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चार साल कठोर कारावास और कुल 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।