उत्तराखंड : दोस्त ही निकले कातिल, तालाब में युवक के शव मिलने के मामले का पुलिस ने किया खुलासा, दो गिरफ्तार, मृतक के पिता ने पुलिस खुलासे पर लगाया प्रश्न चिह्न

काशीपुर/उधमसिंहनगर। थाना आईटीआई क्षेत्र में दो दिन पूर्व तालाब में युवक की लाश मिलने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार मृतक शशांक डोभाल को उसी के दोस्त ने ही मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने दीपक यादव और शिखर सक्सेना को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी शशांक डोभाल (मृतक) के दोस्त हैं। मामले में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।


बता दें कि बीते 27 अगस्त को नगर के खड़कपुर देवीपुरा में पुलिस को तालाब में एक युवक का शव होने की सूचना मिली थी। शव की शिनाख्त शशांक डोभाल पुत्र कृष्ण कुमार निवासी आवास विकास के रूप में हुई थी। मृतक युवक की शिनाख्त परिजनों ने की थी। परिजनों ने शशांक की हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए थाना आईटीआई पुलिस को तहरीर दी थी। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने जांच कर शशांक डोभाल (मृतक) के दोस्त दीपक यादव और शिखर सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि मृतक शशांक डोभाल उनका दोस्त था और हम साथ में स्मैक का नशा करते थे। जिसके चलते शशांक डोभाल (मृतक) उनका कुछ पैसों का कर्जदार बना हुआ था। घटना वाले दिन तीनों ने साथ में स्मैक का नशा किया, तभी पैसों का तकादा करने पर कहासुनी हो गई। जिसके बाद खाली पड़े प्लॉट, जिसमें पानी भरा हुआ था, उसमें एक आरोपी ने शशांक डोभाल को धक्का दे दिया। ज्यादा नशे के कारण शशांक वहां से निकल नहीं पाया और उसकी मौत हो गई। घटना के बाद दोनों वहां से भाग गए।
मृतक के पिता ने पुलिस खुलासे पर लगाया प्रश्न चिह्न
काशीपुर। शशांक के पिता कृष्ण कुमार डोभाल ने पुलिस की ओर से किए गए खुलासे पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए बयान जारी किया है। कहा, पुलिस शशांक को नशे का आदी और डिप्रेशन में बता रही है। उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया था। कहा कि कहा शशांक को घर पर ही मारकर शव पर घटनास्थल पर फेंका गया।
केके डोभाल ने कहा कि उनका बेटा चार-पांच महीने से बाहर था और नोएडा की एक कंपनी में काम करता था। वह रक्षाबंधन पर घर आया था। पुलिस रुपये के लेनदेन की बात कह रही है, जो कि सरासर गलत और मनगढ़ंत कहानी है। शशांक को किसी को रुपये नहीं देने थे। 27 अगस्त तक पुलिस की सोच थी कि साढ़े नौ बजे के बीच शशांक शिखर के घर जाते दिखा। इसके बाद घर से नहीं निकला। इसका मतलब इस बीच ही कोई घटना हुई थी। तब शिखर का परिवार घर पर ही था। जिसके नाम कार पंजीकृत है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने शिखर के माता-पिता की कॉल डिटेल निकलवाने की मांग की। उनका आरोप है कि घटनास्थल में मिली कार में चादर थी, जिसका प्रयोग शव को ले जाने के लिए किया गया था।

