उत्तराखंड # शिक्षिका ने सिपाही प्रेमी के साथ मिलकर लगाया था पति को ठिकाने, कोर्ट ने दोनों को सजा सुनाई उम्र कैद की सजा

देहरादून। तीन साल पुराने शिक्षक हत्याकांड में कोर्ट ने शिक्षक की शिक्षिका पत्नी व उसके प्रेमी पुलिस के सिपाही (निलंबित) को दोषी करार दिया है। अपर जिला जज चतुर्थ चंद्रमणि राय की अदालत ने दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर अलग-अलग धाराओं में 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।


जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता जेके जोशी ने बताया कि घटना 15 जून 2018 को रायपुर क्षेत्र में हुई थी। उस दिन देर रात पुलिस को रिंग रोड कृषि भवन के पास एक कार में व्यक्ति का शव मिला था। शव की पहचान शिक्षक किशोर चौहान निवासी रायपुर के रूप में हुई। किशोर चौहान राजकीय इंटर कॉलेज सजवाण काडा, देवप्रयाग में कला पढ़ाते थे। तभी से पुलिस मामले की गुत्थी सुलझाने में लगी थी। आखिरकार हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने शिक्षक की पत्नी स्नेहलता तथा सिपाही अमित कार्ले को गिरफ्तार किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार दोनों के बीच में काफी लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वर्ष 1999 में अमित कार्ले डीएवी तथा स्नेहलता डीबीएस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। दोनों के बीच तब अच्छे रिश्ते थे। 2000 में अमित आईटीबीपी में भर्ती हो गया तथा स्नेहलता आगे पढ़ाई करती रही। इसके बाद अमित कार्ले 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हो गया और उसने आईटीबीपी की नौकरी छोड़ दी। वहीं 2004 में अमित और 2005 में स्नेहलता की अलग-अलग जगह शादी हो गई और दोनों एक-दूसरे के संपर्क से दूर हो गए। लेकिन सितंबर 2017 में फेसबुक के जरिए एक बार फिर से दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आए और पुराना प्यार भड़क उठा। दोनों में मुलाकात का दौर शुरू हो गया।
स्नेहलता से मिलने के चक्कर में अमित कार्ले ने स्नेहलता के पति किशोर से दोस्ती कर ली। हरिद्वार में तैनात सिपाही अमित जब भी देहरादून अपने घर आता तो वह स्नेहलता से भी मिलता। इसकी भनक जब स्नेहलता के पति किशोर को लगी तो उसने इनका विरोध करना शुरु किया। जिसके बाद दोनों ने किशोर को रास्ते से हटाने की ठान ली। उस समय किशोर जीआईसी सजवाण कांडा, देवप्रयाग में तैनात थे। वहीं स्नेहलता जीआईसी शिवाली घाट, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग में शिक्षिका के पद पर तैनात थी। इसके बाद 8 जून 2018 को स्नेहलता और अमित एक होटल में मिले और दोनों ने किशोर की हत्या की योजना बनाई।
बताया जा रहा है कि सिपाही से अपनी पत्नी के अवैध रिश्ते का पता लगने पर किशोर डिप्रेशन में रहने लगे थे और शराब पीने लगे थे। 15 जून को किशोर पत्नी से विवाद के बाद सुबह से शराब पी रहे थे। शाम को किशोर जब शराब पीकर बेसुध हो गए तो स्नेहलता ने किशोर को कार में बैठाया और आराघर चौक पहुंची। जहां चौकी के पास खड़े अमित को देखकर स्नेहलता कार से उतर गई और पति को अमित के हवाले कर दिया। इसके बाद अमित कार को सर्वे चौक, राजपुर रोड, आईटी पार्क होते हुए रिंग रोड पहुंचा और वहां पर गला दबाकर किशोर की हत्या कर दी और किशोर का मोबाइल भी झाड़ियों में फेंक दिया। हालांकि, मोबाइल बरामद नहीं हो सका। वहीं, जब अमित ने किशोर की हत्या करने की ठान ली तो उससे पहले उसने स्नेहलता से फोन पर बात करनी कम कर दी और हत्या वाले दिन वह अपना मोबाइल हरिद्वार छोड़कर देहरादून पहुंचा। जिससे पुलिस उसकी लोकेशन न जान सके। हत्या के दौरान स्नेहलता से संपर्क साधने के लिए अमित ने दूसरा फोन खरीदा था। 17 जून 2018 को किशोर चौहान के भाई की शिकायत पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर 28 जून 2018 को किशोर चौहान की पत्नी स्नेहलता और उसके प्रेमी सिपाही अमित पार्ले को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 36 गवाह पेश किए। मोबाइल रिकॉर्डिंग और वायस सैंपलिंग की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि दोनों में एक माह में 200 से ज्यादा बार बात हुई थी। अमित कार्ले ने घटना के दिन जो मोबाइल और सिम इस्तेमाल किया था, वह महज घटना के दिन कुछ ही घंटों के लिए इस्तेमाल हुआ था। तीन साल चले मुकदमें में साक्ष्यों के आधार पर एडीजे चतुर्थ चंद्र मणि राय की कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दे दिया है।

