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सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले पंचेश्वर के 33 बच्चों को मिलेगी गाड़ी की सुविधा, डीएम नवनीत पांडे का पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अभिनव प्रयोग

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चम्पावत। जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने सीमांत क्षेत्र के बच्चों के लिए जिले में एक अभिनव प्रयोग किया है। ऐसे बच्चे जिनका स्कूल दूर है और उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, ऐसे बच्चों को भविष्य में वाहन की सुविधा जिले से मिल सकेगी। जिलाधिकारी पांडे ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चम्पावत जिले के पंचेश्वर राजकीय इंटर कॉलेज विविल से शुरू किया है। सफल होने पर भविष्य में पूरे जिले और बाद में उत्तराखंड में भी लागू करने की योजना है।

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पंचेश्वर क्षेत्र में 28 किमी पैदल चलकर स्कूल जा रहे बच्चों की लम्बे समय चली आ रही मांग पूरी हो गई। राजकीय इंटर कॉलेज विविल में पंचेश्वर क्षेत्र के 10-12 गांवों के 33 छात्र छात्राएं रोजाना करीब 28 किमी की पैदल दूरी तय कर स्कूल जाते थे। जिससे छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होती थी और जंगली जानवरों से खतरा भी बना रहता था पिछले दिनों पंचेश्वर से राजकीय इंटर कॉलेज विविल तक छात्र छात्राओं को गाड़ी की सुविधा की मांग को लेकर जिला पंचायत सदस्य प्रीति पाठक और भाजपा जिला उपाध्यक्ष मोहित पाठक ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया था। जिलाधिकारी ने इस मांग पर संज्ञान लेते हुए तत्काल शिक्षा विभाग से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए प्रस्ताव को आज पुनः भाजपा जिला उपाध्यक्ष मोहित पाठक, ग्राम प्रधान गणेश सिंह, होशियार सिंह, खीमानंद सुतेड़ी ने जिलाधिकारी को सौंपा। जिसमें जिलाधिकारी ने अनुमोदन देते हुए पंचेश्वर क्षेत्र के छात्र छात्राओं को गाड़ी की सुविधा की वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया। आगामी 15 अगस्त को छात्र छात्राओं को गाड़ी की सुविधा मिलने लगेगी। क्षेत्र की लम्बे समय से चल रही जनहित की मांग को पूरा करने पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने, अभिवावकों ने, छात्र छात्राओं ने जिलाधिकारी सहित शिक्षा विभाग और मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया है। गौरतलब यह शिक्षा के क्षेत्र में यह प्रयोग राज्य का पहला अभिनव प्रयोग है।

जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने राजकीय इंटर कॉलेज विविल में पंचेश्वर क्षेत्र के 10-12 गांवो के 33 बच्चों के लिए वाहन सुविधा देने को हरी झंडी दे दी है। इन बच्चों को काफी लंबी दूरी तय करके स्कूल आना पड़ रहा था। गर्मी बरिश और जंगली जानवरों का भय बच्चों के पठन-पाठन में व्यवधान डाल रहा था। गाड़ी के लिए बजट खनन न्यास निधि से मिलेगा, जिसमें 10% बच्चों के परिजनों को देना होगा।

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