लड़ीधूरा मंदिर निर्माण के लिए प्राप्त हुआ एक लाख रुपये गुप्त दान
चम्पावत/बाराकोट। बाराकोट में जन सहयोग से बन रहे लड़ीधूरा मां भगवती का मंदिर का कार्य अब लगभग पूरा होने को है। मंदिर में वर्तमान में सफेदी का कार्य गतिमान है। लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष नागेंद्र जोशी द्वारा सोशल मीडिया पर कोष की स्थिति ठीक नहीं होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय जनता से मंदिर निर्माण में सहयोग करने की अपील की थी।
इस वीडियो को लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा अन्य ग्रुप में खूब वायरल किया गया था। वीडियो को देखकर पिथौरागढ़ से एक व्यापारी ने लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच को 100,000 का सहयोग किया है। अध्यक्ष नागेंद्र जोशी द्वारा दानदाता का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए क्षेत्र में सभी लोगों से मंदिर निर्माण में सहयोग करने की अपील की है। ज्ञात हो कि लगभग तीन शताब्दी पूर्व क्षेत्र के अधिकारी परिवारों के लोग, पठलती के जोशी परिवारों के सहयोग से मां भगवती की ज्योत पूर्णागिरि से लाए थे। तब से प्रतिवर्ष कोजागिरी पूर्णिमा को लड़ीधूरा में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, बाराकोट में यह मंदिर संपूर्ण क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी धार्मिक आस्था का केंद्र है। वर्तमान में लड़ीधूरा में जन सहयोग से मां भगवती के मंदिर पुनर्निर्माण का कार्य गतिमान है। जिसमें वर्तमान तक लगभग 65 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।
बचपन में नंगे पैर दौड़कर खूब आए हैं लड़ीधूरा मेले में, आज मां भगवती ने सामर्थ्यवान बना दिया तो थोड़ी सी धनराशि मां के चरणों अर्पण कर दी
बाराकोट में जन सहयोग से बन रहे लड़ीधूरा मां भगवती मंदिर का कार्य अब लगभग पूरा होने को है, मंदिर में वर्तमान में सफेदी का कार्य गतिमान है। मंदिर के कोष की वास्तविक स्थिति को सबके समक्ष रखने के उद्देश्य से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था, जिसे हमारे सहयोगी साथी योगेश अधिकारी द्वारा अपने मित्रों एवं अन्य ग्रुपों में भी वायरल किया। वीडियो को देखकर पिथौरागढ़ से एक व्यापारी ने लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच को 100,000 का सहयोग कर दिया। जब सहयोग करने वाले साथी से धन्यवाद हेतु संपर्क किया गया तो उन्होंने दिल को छू लेने वाली बात कही। उन्होंने सहज भाव से कहा कि बचपन में इस मां के दरबार में नंगे पैर भी चले आया करते थे। आज मां भगवती ने सर्वसाधन संपन्न बना दिया तो छोटी सी धनराशि मां के चरणों में अर्पित की है इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है।
ज्ञात हो कि लगभग तीन शताब्दी पूर्व क्षेत्र के अधिकारी परिवारों के लोग, पठलती के जोशी परिवारों के सहयोग से मां भगवती की ज्योत पूर्णागिरि से लाए थे। तब से प्रतिवर्ष कोजागरी पूर्णिमा को लड़ीधूरा में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, बाराकोट में यह मंदिर संपूर्ण क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी धार्मिक आस्था का केंद्र है। वर्तमान में लड़ीधूरा में जन सहयोग से मां भगवती के मंदिर पुनर्निर्माण का कार्य गतिमान है, जिसमें अब तक लगभग 65 लाख रुपए की धनराशि व्यय हो चुकी है।
नागेंद्र कुमार जोशी, लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच, बाराकोट