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चम्पावत : कोर्ट ने चोरी के आरोपी की जमानत की नामंजूर, स्मैक तस्कर को दी जमानत…

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चम्पावत। चम्पावत में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चोरी के मामले के अभियुक्त का जमानती प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर दिया। वहीं स्मैक तस्करी के मामले के ​अभियुक्त नेपाली युवक को सशर्त जमानत प्रदान की है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टनकपुर में हुई चोरी और दूसरे के घर पर कब्जा करने के मामले के आरोपी दीपक गुप्ता उर्फ जगदीश गुप्ता के दूसरे जमानत प्रार्थना पत्र को अदालत ने अस्वीकार कर दिया है। आरोपी पर जून 2021 में टनकपुर निवासी नवीन बोहरा के मकान का चैनल तोड़कर नकदी व जेवरात चुराने का आरोप है। थारू गौरीखेड़ा सितारगंज, जिला ऊधमसिंह नगर कस मूल निवासी हाल मोहल्ला शिव मंदिर शेरगढ़ बरेली निवासी दीपक पर उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के अलग-अलग थानों में 18 मामले पंजीकृत हैं। सत्र न्यायाधीश की अदालत में प्रस्तुत प्रार्थनापत्र में आरोपी ने बीमारी का हवाला दे इलाज के आधार पर जमानत के लिए अनुरोध किया था। जिला शासकीय अधिवक्ता वि‌द्याधर जोशी ने जमानत के विरोध में कई दलीलें दीं। कहा कि आरोपी आदतन अपराधी है। पूर्व में कई बार दबिश देने के बाद भी वह पुलिस की पकड़ में नहीं अप्या है। सितारगंज की संपत्ति को वह बेच चुका है। वारंट पर भी वह न्यायालय में उपस्थित नहीं होता। ऐसे में उसके जमानत का दुरुपयोग कर फिर से अपराध में लिप्त होने का अंदेशा बना हुआ है। अभियोजन पक्ष की दलीलों को देखते हुए सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने जमानत प्रार्थना पत्र नामंजूर कर दिया।

चम्पावत। विशेष सत्र न्यायालय ने स्मैक तस्करी के मामले में आरोपी नेपाली युवक को सशर्त जमानत प्रदान की है। आरोपी युवक पर आरोप है कि उसके पास से 7.38 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। अभियोग के अनुसार 25 वर्षीय लोकेंद्र बहादुर निवासी ब्रह्मदेव, नेपाल को इस साल तीन अप्रैल को नेपाल सीमा पर स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपी तब से जेल में बंद है। पांच जून को दिए जमानत प्रार्थना पत्र में आरोपी ने कहा कि पुलिस ने उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। पुलिस के पास कोई प्रत्यक्षदर्शी भी नहीं है। उसके बूढ़े माता-पिता हैं। दो माह से न्यायिक अभिरक्षा में रहने से वह परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा पा रहा है। दलीलों को सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने आरोपी को सशर्त जमानत देने को आदेश पारित किया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जीसी उप्रेती ने पैरवी की।