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उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए बदला परीक्षा पैटर्न, पहली बार हटा मैथ्स एप्टीट्यूड

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उत्तराखंड पीसीएस की मुख्य परीक्षा को लेकर राज्य में कई नए बदलाव कर दिए गए हैं। इसके लिए लंबे समय से कसरत चल रही थी। अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है। नए पैटर्न के बाद अब स्थानीय युवाओं को पीसीएस परीक्षा में फायदा मिल पाएगा। इसको लेकर लंबे समय से बेरोजगारों की तरफ से भी कुछ अहम बदलाव करने की मांग की जा रही थी। खास बात यह है कि नए पैटर्न में गणित पर कम पकड़ रखने वाले अभ्यर्थियों को भी लाभ मिलेगा।

उत्तराखंड में लंबी कसरत के बाद आखिरकार पीसीएस मुख्य परीक्षा को लेकर कुछ अहम बदलाव कर दिए गए हैं। आयोग के जरिए इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर शासन भी इन बदलावों को लेकर विचार कर रहा था। ऐसे में अब उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा के लिए होने वाले अहम बदलावों का अंतिम खाका तैयार कर लिया गया है। बदले गए पैटर्न से एक तरफ जहां उत्तराखंड के युवाओं को लाभ मिलेगा, तो वहीं गणित पर काम पकड़ रखने वाले युवा भी पीसीएस परीक्षा में अपनी जगह बना पाएंगे।

नए बदलाव के अनुसार 1500 अंकों की मुख्य परीक्षा में करीब 150 अंकों के गणित से जुड़े सवाल अब नहीं दिए जाएंगे। इसके अलावा उत्तराखंड से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्नों को परीक्षा में विशेष जगह दी जाएगी। इसमें करीब 400 अंकों तक के प्रश्न ऑब्जेक्टिव या सब्जेक्टिव के रूप में प्रदेश की जानकारी या सामान्य ज्ञान से ही जुड़े होंगे। इसीलिए माना जा रहा है कि उत्तराखंड के युवाओं को बदले हुए पैटर्न का लाभ मिलेगा।

पीसीएस परीक्षा में हुए बदलाव की सूची में इंटरव्यू को लेकर भी अंकों को लेकर कुछ फेरबदल हुआ है। पहले 1500 अंकों की मुख्य परीक्षा की जाती थी जबकि 200 अंकों का इंटरव्यू 150 अंकों तक सीमित किया गया है। उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा में इंडियन हेरिटेज एंड कल्चर, कॉन्स्टिट्यूशन, सोशल जस्टिस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस, हिस्ट्री, जियोग्राफी ऑफ़ द वर्ल्ड, इकोनॉमिक्स डेवलपमेंट, सिक्योरिटी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी को जगह दी गई है। हालांकि इसमें अधिकतर विषय पूर्व की तरह ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े होंगे, लेकिन इसके अलावा स्थानीय सामान्य ज्ञान को विशेष तवज्जो देते हुए रीजनिंग या मैथ को बाहर किया गया है।

ये हुए अहम बदलाव :—

-पहले 300 अंकों का लैंग्वेज पेपर होता था जो अब दो हिस्सों में तोड़ दिया गया है। पहला 150 अंकों का जनरल हिंदी और दूसरा 150 अंकों का निबंध का पेपर होगा।

-पहले सातवां पेपर जनरल एप्टीट्यूड एंड एथिक्स का था, जिसमें 150 अंकों का मैथ्स एप्टीट्यूड आता था। इसे पूरी तरह हटा दिया गया है। अब इस पेपर का नाम इथिक्स, इंटिग्रिटी एंड एप्टीट्यूड कर दिया गया है। जो 200 अंकों का होगा।

-हिस्ट्री ऑफ इंडिया, नेशनल मूवमेंट, सोसाइटी एंड कल्चर को बदलकर अब इंडियन हेरिटेज एंड कल्चर, हिस्ट्री जियोग्राफी ऑफ द वर्ल्ड एंड सोसाइटी कर दिया गया है।

-इंडियन पॉलिटी, सोशल जस्टिस एंड इंटरनेशनल रिलेशन पेपर का पैटर्न बदलकर अब गवर्नेंस, कांस्टीट्यूशन, पॉलिटी, सोशल जस्टिस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस कर दिया गया है।

-ज्योग्राफी ऑफ इंडिया एंड वर्ल्ड पेपर हटा दिया गया है। इसकी जगह टेक्नोलॉजी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, बायो डाइवर्सिटी, एनवायरमेंट, सिक्योरिटी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट को शामिल किया गया है।

-इसके अलावा दो पेपर उत्तराखंड से संबंधित ज्ञान पर कर दिए गए हैं, जिसका विस्तृत सिलेबस भी जारी किया गया है। यह दोनों पेपर 400 अंकों के होंगे।

अहम जानकारी :—

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि -03 अप्रैल 2024
आवेदन में संशोधन की तिथि – 09 से 18 अप्रैल 2024
पीसीएस प्री परीक्षा प्रस्तावित तिथि : जुलाई 2024
कुल पदों की संख्या : 189 (संख्या घट-बढ़ सकती है)
शुल्क : जनरल, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस-172.30 रुपये, एससी, एसटी- 82.30 रुपये

प्री परीक्षा केंद्र : अल्मोड़ा, रानीखेत, चम्पावत, पिथौरागढ़, नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, खटीमा, बागेश्वर, पौड़ी, श्रीनगर, कोटद्वार, गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, नई टिहरी, मुनिकीरेती, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बड़कोट, देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार, लक्सर व रुड़की।

मुख्य परीक्षा केंद्र : देहरादून, हल्द्वानी एवं हरिद्वार