उत्तराखंड (बड़ी खबर) : UKSSSC ने इस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट किया जारी। इन कोचिंग सेंटरों के खिलाफ मुकदमे ही हो रही है तैयारी…
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पदनाम- कनिष्ठ सहायक / डाटा एन्ट्री ऑपरेटर / कनिष्ठ सहायक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर / टंकक / टाइपिस्ट, कर संग्रहकर्ता, अमीन / भूमि अध्यापित निरीक्षक, सर्वे लेखपाल, रिकार्ड कीपर, पेशकार, टेलीफोन ऑपरेटर, स्वागती पदों के लिए दिनांक 31 अक्टूबर, 2021 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई।
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www.sssc.uk.gov.in
उक्त लिखित परीक्षा के आधार पर आयोग की विज्ञप्ति संख्या-40 दिनांक 29.04.2022 द्वारा Non typing (कर संग्रहकर्ता, सर्वे लेखपाल, अमीन, टेलीफोन ऑपरेटर एवं स्वागती) पदों को छोड़ते हुए रिक्त 530 पदों के सापेक्ष 04 गुना अर्थात 2086 अभ्यर्थियों की टंकण परीक्षा हेतु चयनित अभ्यर्थियों की औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची जारी की गई, जिसके अनुसार चयनित अभ्यर्थियों की दिनांक 30.05.2022 से 01.06.2022 तक टंकण परीक्षा आयोजित की गई।
लिखित परीक्षा एवं टंकण परीक्षा के आधार पर मा० आयोग द्वारा लिये गये निर्णय के अनुक्रम में कुल रिक्त पदों के सापेक्ष निर्धारित अनुपात में अभिलेख सत्यापन हेतु आयोग द्वरा दिनांक 27.03.2023 के द्वारा औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची आयोग की वेबसाईट पर जारी की गई। चयनित अभ्यर्थियों का दिनांक 03.04.2023 से 25.04.2023 तक अभिलेख सत्यापन किया गया। तदोपरान्त उक्त के आधार पर आयोग की विज्ञप्ति / अधिसूचना संख्या-95 दिनांक 16 जून, 2023 द्वारा पदनाम-कनिष्ठ सहायक व इण्टरमीडिएट स्तर के कुल विज्ञापित Typing व Non Typing पदों के सापेक्ष प्रथम चरण में 540 अभ्यर्थियों की औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची आयोग की वेबसाइट पर जारी की गई।
उल्लेखनीय है कि अभिलेख सत्यापन में ऐसे अभ्यर्थी जो अनुपस्थित रहे तथा अन्य जो वांछित अर्हतायें पूर्ण नही कर पाए, के कारण मा० आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के अनुक्रम में सामान्य श्रेणी के रिक्त पदों के सापेक्ष 53 अभ्यर्थियों की अभिलेख सत्यापन हेतु औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची जारी करते हुए चयनित अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन दिनांक 20.06.2023 को आयोग कार्यालय में किया गया ।
कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा आपत्ति की गई कि उन्हें उनकी रैंक व वरीयता के अनुरूप विभागों का आवंटन नहीं हुआ है, के क्रम में आयोग द्वारा विभाग आवंटन प्रक्रिया का पुनर्परीक्षण किया गया। उक्त के आधार पर पदनाम – कनिष्ठ सहायक व इण्टरमीडिएट स्तर के कुल विज्ञापित 761 (Typing व Non Typing) पदों के सापेक्ष अंतिम रूप से चयनित 738 अर्ह अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति विभागों को प्रेषित किये जाने हेतु औपबन्धिक श्रेष्ठता सूची आयोग की वेबसाइट www.sssc.uk.gov.in पर अभ्यर्थियों के सुलभ संदर्भ हेतु प्रकाशित की जा रही है।
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इन कोचिंग सेंटरो पर FIR की तैयारी
आयोग द्वारा दिनांक 09 जुलाई 2023 को विभिन्न विभागों के स्नातक स्तरीय पदों की लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई, जिसके बाद दिनांक 21 जुलाई 2023 को उक्त पदों के अभिलेख सत्यापन व टंकण परीक्षा हेतु औपबंधिक श्रेष्ठता सूचीयां आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई। आयोग के संज्ञान में आया है कि उक्त लिखित परीक्षा व परिणाम के संबंध में सोशल मीडिया में कुछ लोगों द्वारा भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही है, जिसके संबंध में अवगत कराया जाना है कि-
1- औपबंधिक श्रेष्ठता सूची के क्रम संख्या-5 पर अंकित अभ्यर्थी श्री जगदीश सिंह पुत्र श्री कुन्दन सिंह के लोक सेवा आयोग हरिद्वार द्वारा आयोजित पटवारी / लेखपाल भर्ती परीक्षा में 16 अंक थे, जबकि UKSSSC द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में पांचवा स्थान प्राप्त किया गया। आयोग द्वारा उपरोक्त तथ्यों की जांच में यह तथ्य पूर्णतया गलत व भ्रामक पाया गया श्री जगदीश सिंह पुत्र श्री कुन्दन सिंह हल्द्वानी जनपद नैनीताल के निवासी है तथा उनकी जन्म तिथि वर्ष 1983 है। जिस कारण यह उम्र सीमा अधिक होने के कारण लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी / लेखपाल परीक्षा- 2022 के लिए पात्र नहीं थे। जांच में यह भी पाया गया कि श्री जगदीश सिंह पुत्र श्री कुन्दन सिंह जिनके द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा में पांचवा स्थान प्राप्त किया गया है। उनके द्वारा पूर्व में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य अवर अधीनस्थ राज्य प्रवर अधीनस्थ समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षाओं की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त की है तथा प्रवर अधीनस्थ परीक्षा का परिणाम लंबित है।
2- इसके अतिरिक्त कमल किशोर पुत्र श्री दीवान राम एवं श्री चन्द्र शेखर पुत्र श्री दीवान राम जो कि आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में सफल अभ्यर्थी रहे है इनके बारे में यह जानकारी फैलाई जा रही है कि उपरोक्त दोना भाई है तथा संभवतः परीक्षा में गलत तरीकों का प्रयोग करके पास हुए है। आयोग द्वारा इस विषय पर भी जांच की गई तथा उक्त अफवाह को तथ्यहीन व भ्रामक पाया। आयोग की जांच में स्पष्ट हुआ कि श्री कमल किशोर पुत्र श्री दीवान राम जनपद नैनीताल के निवासी है तथा श्री चन्द्रशेखर पुत्र भी दीवान राम, जनपद बागेश्वर के निवासी है तथा भाई नहीं है। मात्र पिता का नाम समान हो जाने से दो व्यक्ति भाई नहीं हो सकते। जांच में यह भी पाया गया कि भी चन्द्रशेखर पुत्र दीवान राम द्वारा पूर्व में वन आरक्षी, पटवारी, कनिष्ठ सहायक, सचिवालय रक्षक परीक्षाओं में भी चयन हुआ है।
3- आयोग द्वारा जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि दो कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा जो स्वयं भी इस परीक्षा में सम्मिलित हुए थे परंतु परीक्षा में असफल हो गए. के द्वारा आयोग एवं उक्त सफल अभ्यर्थियों की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह अफवाह फैलाई गई। तथा अन्य अभ्यर्थियों एवं छात्रों को परीक्षाफल का विरोध करने तथा उपरोक्त भ्रामक तथ्या को सोशल मीडिया में फैलाने के लिए उकसाया गया, जिससे कि कानून व्यवस्था संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती थी तथा अभ्यर्थियों के मन में परीक्षा की शुचिता एवं पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता था।
उपरोक्त के दृष्टिगत आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उपरोक्त व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी तथा अन्य अभ्यर्थियों एवं जन सामान्य से अपील की जाती है कि परीक्षा में अपनी मेहनत से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का उत्पीड़न न किया जाये आयोग समस्त परीक्षाओं को पारदर्शी शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन प्रणाली के तहत कराने के लिए प्रतिबद्ध है।