नैनीताल के बाद नगरपालिका चम्पावत आई चर्चाओं में, पालिकाध्यक्ष और सभासदों ने ईओ के खिलाफ खोला मोर्चा, वजह जानें …


चम्पावत। विकास कार्य न होने के चलते पिछले दिनों पालिकाध्यक्ष व सभासदों के सामूहिक इस्तीफे के बाद नैनीताल नगरपालिका प्रदेश में चर्चा का कारण बनी थी, इसी तरह अब चम्पावत नगरपालिका चर्चा का कारण बन रही है। यहां पालिकाध्यक्ष व कुछ सभासदों ने ईओ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलक्ट्रेट में धरना दिया। पालिकाध्यक्ष और सभासदों ने ईओ पर गुटबाजी करने और विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने सीएम व शहरी विकास मंत्री को ज्ञापन भेज कर तीन दिन के भीतर ईओ का स्थानांतरण नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
सोमवार को कलक्ट्रेट में पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा के नेतृत्व में सभासदों ने धरना दिया। पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा का कहना है कि करीब डेढ़ माह पूर्व ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी ने पालिका में कार्यभार ग्रहण किया। आरोप लगाया कि चार्ज लेने के बाद से ही ईओ नगर में कूड़ा निस्तारण, निर्माण कार्य और तहबाजारी समेत तमाम अन्य कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। बताया कि इससे पालिका के अन्य कर्मचारी भी कार्य करने में असमर्थता जता रहे हैं। पालिकाध्यक्ष वर्मा ने कहा है कि ईओ को पालिका के कार्यों का अनुभव नहीं है। उनकी कार्यप्रणाली से सभी सभासद और कर्मचारी असंतुष्ट हैं। ईओ गुटबाजी कर पालिका का वातावरण खराब कर रहे हैं। उन्होंने ईओ का तीन दिन के भीतर स्थानांतरण नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन में सभासद नंदन तड़ागी, मोहन भट्ट, रेखा तिवारी, कलावती देवी, रोहित बिष्ट, लक्ष्मी देवी और लोकेश पुनेठा के हस्ताक्षर हैं। वहीं कुछ सभासद ईओ का भी समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने ईओ के कार्य व्यवहार की प्रशंसा की है। इस संबंध में सभासदों ने शहरी सचिव को पत्र भेजा है। सभासद कविता गोस्वामी, कलावती देवी, लोकेश पुनेठा, बबीता भट्ट, रेखा तिवारी, लक्ष्मी देवी, मोहन भट्ट और विधायक प्रतिनिधि रमेश सिंह भंडारी ने पत्र में कहा है कि ईओ बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। बीते एक माह में इतनी भवन कर वसूली की गई है, जो एक साल में नहीं की जा सकी थी। इसके अलावा प्रमाण पत्र और वेतन भी समय से जारी किए जा रहे हैं। वहीं ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी का कहना है कि उन पर पर गुटबाजी करने के आरोप निराधार हैं। वे पूरे मनोयोग और ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं। पिछले डेढ़ माह में ही लाखों रुपये की भवन कर की वसूली की जा चुकी है। मुझ पर गलत कार्य करने का दबाव डाला जा रहा है। नगरपालिका में दो फाड़ होने से यह तो तय है कि नगर का विकास कार्य प्रभावित होगा। विवाद कब तक जारी रहता है, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। साथ ही यह भी देखना होगा कि पालिकाध्यक्ष की चेतावनी का शासन पर कुछ प्रभाव पड़ता है या नहीं।


