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उत्तरकाशी टनल हादसा : केंद्रीय मंत्री ​नितिन गडकरी ने मौके पर पहुंच कर लिया किए जा रहे कार्यों का जायजा

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उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। उनकी जिंदगियां बचाने का अभियान लगातार जारी है। रविवार को रेस्क्यू का आठवां दिन है। वहीं आज केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी हालात का जायजा लेने मौके पर पहुंचे हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। सिलक्यारा पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राहत एवं बचाव कार्य से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। जिसके बाद उन्होंने सुरंग में हुए भूस्खलन व सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग के लिए की जा रही कार्यवाही का जायजा लिया।

मौका मुआयना करने के बाद मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पिछले 7-8 दिनों से हम पीड़ितों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालना उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार की प्राथमिकता है। बताया कि उन्होंने यहां काम करने वाले संबंधित अधिकारियों के साथ घंटे भर बैठक की है। हम छह वैकल्पिक विकल्पों पर काम कर रहे हैं और भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियां यहां काम कर रही हैं। पीएमओ से भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुरंग विशेषज्ञों और बीआरओ अधिकारियों को भी बुलाया गया है। हमारे पहली प्राथमिकता फंसे हुए पीड़ितों को भोजन, दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री ने डॉक्टर खेरवाल को बनाया नोडल अधिकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन सिलक्यारा के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकार डॉ. नीरज खेरवाल को नोडल अफसर बनाया है। अमेरिकी मशीन के भी ड्रिलिंग के दौरान बंद होने से अब ऑपरेशन में जुटे विशेषज्ञ अन्य विकल्पों पर मंथन कर रहे हैं। इस बीच इंदौर से मंगाई गई एक और मशीन ग्राउंड जीरो पर पहुंच चुकी है। इधर, मुख्यमंत्री ने बचाव अभियान की समीक्षा के बाद आईएएस अधिकारी डॉ. नीरज खेरवाल को नोडल अधिकारी का जिम्मा सौंपा है। खेरवाल को प्रदेश में काम कर रही कई केंद्रीय संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वह संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों का अनुश्रवण भी करेंगे। वह आवश्यकतानुसार राज्य की ओर से सहयोग एवं सुझाव भी केंद्रीय संस्थाओं को देंगे।

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