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चम्पावत : कारी के समीप दो घंटे बंद रही मंच तामली रोड, विभाग का दावा आधा घंटा ही बंद रही

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ग्रामीणों का आरोप 14 करोड़ से हो रहे काम में मानक और गुणवत्ता की अनदेखी से भी पहाड़ी से लुढ़क रहे हैं पत्थर

तामली/चम्पावत। नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश को जोड़ने वाली चम्पावत-मंच-तामली रोड 11 नवंबर को करीब ढ़ाई घंटे बंद रही। बताया जा रहा सड़क पर पत्थर आने से जाम लग गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोड की मरम्मत में मनमाने ढंग से हो रहे काम की वजह से ये स्थिति पैदा हुई है। इस वजह से तल्लादेश क्षेत्र के लोगों को दुश्वारी झेलनी पड़ रही है।

14 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से चम्पावत-मंच-तामली सड़क पर डामरीकरण और मरम्मत का काम चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि काम में गुणवत्ता और मानकों की अनदेखी तो हो ही रही है, लापरवाही की वजह से कई बार सड़क पर पत्थर गिरने से रोड बंद हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया है कि 11 नवंबर को सड़क पर पत्थर लुढ़कने से दो घंटे (10 बजे से 12 बजे) तक तल्लादेश की यह रोड कारी के पास बंद रही। रोड बंद होने से ग्रामीणों को दुश्वारी झेलनी पड़ी। कई लोगों का कहना था कि वे बैंक के काम से मंच जा रहे थे, लेकिन कारी में घंटों इंतजार करना पड़ा।

ग्रामीणों का आरोप है कि न तो काम कराने वाले विभाग ने सुरक्षागत साइनबोर्ड लगाए हैं और नहीं काम की गुणवत्ता ठीक है। प्रकाश सिंह, अशोक सिंह, गणेश जोशी आदि ने बताया कि मनमाने तरीके से कराए जा रहे काम की वजह से पहाड़ी से कई बार बोल्डर गिर रहे हैं। बोल्डर को हटाने या तोडने का पुख्ता प्रबंध भी नहीं किया गया है, सिर्फ एक मशीन लगाई गई है। वाहन चालकों का आरोप है कि पहाड़ी की तरफ से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने से एक पिकअप और एक स्विफ्ट डिजयार गाड़ी बाल-बाल बची है।

वहीं लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मनोज बिष्ट का कहना है कि सीआरएफ से 14 करोड़ रुपये की लागत से सड़क के डामरीकरण और सुधारीकरण का काम कराया जा रहा है। बरसात में आपदा की वजह से सड़क के हाल काफी खराब हुए हैं। एई बिष्ट का कहना है कि काम के दौरान पहाड़ी से पत्थर आने से 11 नवंबर को आधी घंटा रोड बंद रही है।